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दिल्ली आबकारी नीति केस – हाई कोर्ट ने खारिज की मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका

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नई दिल्ली, 21 मई। दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और करप्शन केस केस में पिछले 15 माह से जेल में बंद दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। सिसोदिया ने इस मामले में निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने उनकी जमानत याचिका खारिज की थी। हाई कोर्ट ने सीबीआई और ईडी, दोनों ही केस में सिसोदिया को राहत देने से इनकार किया।

मामले की सुनवाई में देरी की वजह आरोपित न कि जांच एजेंसियां

न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा की पीठ ने सिसोदिया की जमानत याचिका नामंजूर करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई में देरी की वजह आरोपित है, इसके लिए जांच एजेंसियां जिम्मेदार नहीं हैं। कोर्ट ने इसे पद के दुरुपयोग का मामला भी बताया। हाई कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक समेत अहम सबूतों को नष्ट करने में शामिल थे। वह दिल्ली सरकार में बेहद शक्तिशाली, प्रभावशाली व्यक्ति थे।

सिसोदिया का आचरण लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बड़ा धोखा

हाई कोर्ट ने कहा कि जो सामग्री एकत्रित की गई है, उससे दिखता है कि सिसोदिया ने पब्लिक फीडबैक को अपने पूर्व निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक गढ़कर आबकारी नीति के निर्माण की प्रक्रिया को प्रभावित किया। कोर्ट ने यह भी कहा कि सिसोदिया का आचरण लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बड़ा धोखा है।

देखा जाए तोमनीष सिसोदिया को ऐसे समय पर कोर्ट से झटका लगा है, जब हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 21 दिनों की राहत मिली है। देश की सबसे ऊंची अदालत ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी है। ऐसे में सिसोदिया ने भी राहत की उम्मीद लगा रखी थी। हालांकि, उन्हें एक बार फिर निराशा का सामना करना पड़ा।

अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे सिसोदिया

फिलहाल सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद आम आदमी पार्टी ने फैसले से असहमति जताते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। वहीं दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने एक बार फिर दोहराया कि कथित शराब घोटाला भाजपा की साजिश है।

पिछले वर्ष 26 फरवरी को हुई थी सिसोदिया की गिरफ्तारी

ईडी का कहना था कि इस मामले में जांच जारी है और लगातार गिरफ्तारी हो रही है। हाल ही में गत तीन मई को भी एक गिरफ्तारी की गई है। आरोपित एक प्रभावशाली व्यक्ति है। वह संबंधित विभाग का प्रभारी भी था। पीठ ने कहा कि ऐसे में आरोपित को फिलहाल जमानत पर रिहा किया जाना उचित नहीं है। मनीष सिसोदिया को पिछले वर्ष 26 फरवरी को सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। कुछ दिनों बाद ईडी ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया। रिमांड खत्म होने के बाद से सिसोदिया न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।