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पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हाई अलर्ट, राज्य में निकाले जाएंगे हिन्दू जागरण मंच के 5 हजार जुलूस

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कोलकाता, 17 अप्रैल। देशभर में आज रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है। कई शहरों में विभिन्न आयोजनों के जरिए इस दिन को खास बनाने की तैयारी की गई है। इस बीच, पश्चिम बंगाल में रामनवमी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राज्य में रामनवमी समारोह से पहले किसी भी सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल में कई पुलिस स्टेशन हाई अलर्ट पर हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिन्दू जागरण मंच कथित तौर पर राज्य के सभी जिलों में लगभग 5 हजार धार्मिक जुलूस निकालेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध संगठन ने बारासात, सिलीगुड़ी और कोलकाता के बड़ाबाजार में बड़े जुलूस की भी योजना बनाई है। हुगली, हावड़ा, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, आसनसोल और बैरकपुर में जिला प्रशासन भी अलर्ट पर है, जहां पहले रामनवमी के उत्सव के दौरान सांप्रदायिक तनाव देखे जा चुके हैं।

पुलिस ने कहा है कि कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति से सख्ती से निबटा जाएगा। त्योहार के अवसर पर जुलूस के दौरान हथियारों के सार्वजनिक प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। कुछ पारंपरिक समूहों और अखाड़ों को अनुमति दी गई है। यहां तक कि उनके जुलूसों की भी वीडियोग्राफी की जाएगी।

बंगाल सरकार ने जुलूस रोकने की मांग की

पिछले वर्ष 30 मार्च को हावड़ा में झड़पें भड़क उठी थीं और बाद में यह दो अन्य जिलों, उत्तरी दिनाजपुर और हुगली में फैल गईं। इस हिंसा में 10 लोग घायल हो गए थे। पुरानी घटनाओं के देखते हुए इस हफ्ते की शुरुआत में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को विश्व हिन्दू परिषद और अंजनी पुत्र सेना को कुछ शर्तें लगाते हुए 17 अप्रैल को हावड़ा में रामनवमी जुलूस निकालने की अनुमति दे दी थी। हांलाकि राज्य सरकार ने वैकल्पिक मार्ग का प्रस्ताव देते हुए जुलूस को रोकने की मांग की थी।

रामनवमी यात्रा में लोगों के उमड़ने की उम्मीद

इस बीच, हिन्दू जागरण मंच ने उम्मीद जताई है कि बुधवार को रामनवमी के जुलूस में लाखों लोग शामिल होंगे। हिन्दू जागरण मंच के सदस्य सुभाजीत रॉय मंच ने कहा, ‘हमारे कुछ जुलूसों में लाखों लोगों के भाग लेने की संभावना है। यह हमारे लिए बहुत बड़ा दिन है। जहां तक कानून व्यवस्था बनाए रखने की बात है तो पुलिस को इसका ध्यान रखना चाहिए। मैं लोगों से बस यह सुनिश्चित करने की अपील करना चाहूंगा कि सभी धर्मों के लोगों को अपने त्योहार समान रूप से मनाने की अनुमति दी जाए और दूसरों को कोई बाधा उत्पन्न नहीं करनी चाहिए।’

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