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गणतंत्र दिवस परेड : यूपी की झांकी में अयोध्या की विरासत, कर्तव्य पथ पर दिखी रामलला की झलक

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नई दिल्ली, 26 जनवरी। देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के कर्तव्य पथ पर परेड का शानदार नजारा देखने को मिला। भव्य परेड में प्रदर्शित की गईं दो दर्जन से अधिक झांकियों में 16 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां शामिल थीं। समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों हैं।

उत्तर प्रदेश की झांकी बेहद खास रही, जिसमें अयोध्या की विरासत देखने को मिली। यूपी की झांकी ‘अयोध्या : विकसित भारत समृद्ध विरासत’ पर आधारित थी। यह भगवान राम की जन्मस्थली होने के कारण एतिहासिक और धार्मिक महत्तव का क्षेत्र है। झांकी में रामलला को दर्शाने वाली मूर्तियां आकर्षण का केंद्र रहीं और कर्तव्य पथ पर भगवान राम के बाल स्वरूप का दर्शन हुआ। इसके अलावा झांकी में आरआरटीएस के साहिबाबाद स्टेशन और निकलती नमो भारत ट्रेन को प्रदर्शित किया गया और उसके ऊपर ब्रह्मोस मिसाइल का मॉडल रखा हुआ था।

अन्य झांकियों की बात करें तो गुजरात की झांकी धोरडो : गुजरात के सीमा पर्यन का वैश्विक पहचान विषय पर आधारित रही। धोरडो कच्छ का एक छोटे सा गांव, अपनी जीवंत सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है। महाराष्ट्र की झांकी छत्रपति शिवाजी महाराज के 350वें राज्याभिषेक समारोह पर आधारित थी।

मध्य प्रदेश की झांकी आत्मनिर्भर नारी-विकास का मूल मंत्र पर केंद्रित रही। विकास प्रक्रिया में महिलाओं को अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सीधे तौर पर जोड़ने में राज्य ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। छत्तीसगढ़ की झांकी में बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार प्रदर्शित किया गया।

हरियाणा की झांकी मेरा परिवार-मेरी पहचान के विषय के साथ आई। मेरा परिवार-मेरी पहचान हरियाणा सरकार का एक महत्तवाकांक्षी कार्यक्रम है, जो विकसित भारत के सपने को साकार करने में सार्थक भूमिका निभा रहा है। राजस्थान की झांकी विकसित भारत में – पधारो म्हारे देश विषय वस्तु पर केंद्रित रही। विकसित भारत-लद्दाख की झांकी में रोजगार के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया।

तमिलनाडु राज्य की झांकी कुदावोलाई प्रणाली (बर्तन में पत्ती/पत्र मतपत्र) का प्रतिनिधित्व कर रही थी, जिसे तमिलनाडु में 10वीं शताब्दी के चोल युग के दौरान लागू किया गया था। झारखंड की झांकी टसर सिल्क विषय पर केंद्रित रही।

तेलंगाना की झांकी जमीनी स्तर पर जनतंत्र :  तेलंगाना की आजादी आंदोलन के योद्धा ऐर उनकी परंपरा विषय-वस्तु पर केंद्रित रही। वहीं आंध्र प्रदेश की झांकी, स्कूली शिक्षा में बदलाव : छात्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना विषय पर केंद्रित थी

मणिपुर की झांकी थंबल गी लांग्ला-लोटस थ्रैड्स विषय वस्तु पर केंद्रित रही। मणिपुर का इमा कीथेल, मदर्स माक्रेट 500 साल पुराना बाजार है। यह नारी शक्ति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। ओडिशा राज्य की झांकी विकसित भारत में महिला सशक्तिकरण विषय वस्तु पर केंद्रित रही। मेघालय की झांकी अपने उन्नतिशील पर्यटन पर आधारित थी। झांकी चेरी के फूलों की मनमोहक छटा के साथ कर्तव्य पथ के परिदृश्य को गुलाबी रंग के एक कैनवास में बदल देती है।

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