रांची, 2 जनवरी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में तेजी से बदल रहे राजनीतिक समीकरण के बीच बुधवार, तीन जनवरी को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में जेएमएम के सभी मंत्रियों, विधायकों के अलावा गठबंधन में शामिल कांग्रेस, आरजेडी और माले विधायकों को भी बुलाया गया है। बैठक मुख्यमंत्री आवास स्थित सभागार में बुधवार को अपराह्न 4.30 बजे होगी। राजनीतिक महमके में यह चर्चा तेजी से फैल चुकी है कि इस बैठक में अगले मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के नाम पर सहमति भी बन सकती है।
सीएम हेमंत सोरेन से महाधिवक्ता ने चर्चा की
जेएमएम और गठबंधन में शामिल कांग्रेस-आरजेडी और माले विधायक की बैठक बुलाने के पहले मंगलवार को राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन सीएम आवास पहुंचे। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन से काफी देर तक चर्चा की। ईडी की काररवाई और उससे उत्पन्न होने वाली स्थिति से निबटने के लिए तमाम संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा हैं।
कल्पना के सीएम बनने में नहीं आएगी कोई अड़चन
इससे पहले जेएमएम विधायक सरफराज अहमद ने विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उनके त्यागपत्र को स्पीकर ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया। इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे कि सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के हाथों में सत्ता सौंप सकते हैं। उनको विधायक दल का नेता चुनने में भी किसी तरह की अड़चन नहीं आएगी।
बाबूलाल मरांडी के दावे से शुरू हुई नई बहस
दूसरी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने महाराष्ट्र हाई कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि जिस राज्य में विधानसभा चुनाव होने में एक साल का समय बाकी रह जाता है, ऐसी स्थिति में वहां कोई सीट खाली होने पर विधानसभा उप चुनाव नहीं कराया जा सकता। उन्होंने कहा कि गांडेय सीट खाली हुई है और वहां से सीएम हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाना चाहते हें, जोकि ऐसा संभव नहीं हैं।
भाजपा इस गलती को रोकने के लिए राज्यपाल से भी मुलाकात करेगी
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं तो बड़ी गलती करेंगे। ऐसा संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि उनके विधायक बनने में कानूनी अड़चन है। भाजपा इसे रोकने के लिए राज्यपाल से भी मुलाकात करेगी।