कोलकाता, 8 जुलाई। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत शनिवार को कराए गए मतदान के दौरान व्यापक हिंसा में अंतिम समाचार मिलने तक 19 लोगों की मौत हुई है और कई अन्य लोग घायल हुए हैं।
हिंसा के कारण सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और अन्य राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगाने और सभी बूथों पर सीएपीएफ तैनात करने की मांग की है। उन्होंने साथ ही हिंसा की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कराने की मांग की है।
शाम 5 बजे तक 66.94 प्रतिशत मतदान
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में शाम पांच बजे तक 66.94 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। हिंसा के कारण कई इलाकों में मतदान नहीं हो पाया है। ऐसे में फिर से मतदान कराया जा सकता है। इस बीच मुर्शिदाबाद में उपद्रवियों ने पुलिस वाहन में आग लगा दी। विभिन्न हिस्सों में देर शाम तक हिंसा जारी थी।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगाई जाए और सभी बूथों पर सीएपीएफ तैनात की जाए। आज हम काली पट्टी बांध रहे हैं क्योंकि यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है। हम आज की घटना के बाद सीबीआई और एनआईए जांच की मांग करते हैं। मैं राज्य चुनाव आयुक्त से सीएम ममता बनर्जी को मृतकों के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश देने के लिए कहूंगा। आज की हिंसा के बाद मरने वालों की कुल संख्या 19 हुई है।’
हिंसा के लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार – सुवेंदु अधिकारी
भाजपा नेता ने राज्य में हिंसा के लिए ममता बनर्जी जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, ‘आज राज्य में जो हिंसा हो रही है, उसके लिए सीएम ममता बनर्जी जिम्मेदार हैं। बूथों पर सीआरपीएफ की तैनाती क्यों नहीं की गई। हम आज की हिंसा में मृतकों के परिवार के सदस्यों के साथ अदालत जाएंगे और घटना की विस्तृत जांच की मांग करेंगे।’
हिंसा की सीबीआई जांच होनी चाहिए
अधिकारी ने कहा, ‘बंगाल में बहुत सारे हथियार और गोला-बारूद आए हैं। ज्यादातर मौतें गोली लगने से हुई। किसने ये हथियार यहां भेजे और किसने इसकी फंडिंग की, इसकी एनआईए जांच होनी चाहिए। हिंसा में कई गरीब लोग मारे गए हैं। पुलिस क्या कर रही थी? इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए।’
प्रभावित इलाकों में फिर से हो मतदान
पंचायत चुनाव के बाद सुवेंदु अधिकारी कोलकाता में राज्य चुनाव आयोग कार्यालय पहुंचे। शुरू में उन्हें राज्य चुनाव आयुक्त के कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया गया। बाद में उन्हें राज्य चुनाव आयुक्त से मिलने की इजाजत दी गई। राज्य चुनाव आयोग कार्यालय का दौरा करने के बाद सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘लोकतंत्र को मिटा दिया गया है। हमने सीसीटीवी दृश्यों की जांच और उन क्षेत्रों में पुनर्मतदान की मांग की जहां हिंसा हुई थी। सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे।’
आज होगा पुनर्मतदान पर फैसला
वहीं बंगाल राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) राजीव सिन्हा ने वादा किया है कि शिकायतों पर ध्यान देते हुए हिंसा की विस्तृत जांच की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि उन बूथों पर दोबारा मतदान होगा, जहां सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी और जहां मतदान नहीं हुआ या रोका गया। पुनर्मतदान को लेकर रविवार को फैसला होगा।
उचित समय पर हो काररवाई – राज्यपाल सीवी आनंद बोस
उधर हिंसा को लेकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा, ‘मैंने हिंसा और आगजनी देखी। मैंने उन गरीबों पर ध्यान दिया, जो मारे गए। ये बहुत परेशान करने वाली बात है। यह वह नहीं है, जो बंगाल के लोग चाहते हैं। यह सुनिश्चित करना अधिकारियों का काम है कि लोग स्वतंत्र रूप से और निडर होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें। तनाव हो सकता है, लेकिन इन सभी को व्यापक तरीके से देखा जाना चाहिए और उचित समय पर काररवाई की जानी चाहिए।’
Not only the Ballot Boxes, in West Bengal, Democracy itself has ended up in the Gutter. pic.twitter.com/i5epumjMp6
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) July 8, 2023
पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का लंबा इतिहास
वैसे देखा जाए तो पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा का लंबा इतिहास रहा है। 2003 के पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में 76 लोगों की मौत हुई थी और अकेले मतदान वाले दिन 40 लोग मारे गये थे। पिछले महीने चुनाव की तारीख की घोषणा होने के बाद से पश्चिम बंगाल में 30 लोग मारे गए। इससे पहले 2018 के चुनाव में भी इतनी ही संख्या में लोगों की मौत हुई थी।