प्रयागराज, 28 नवम्बर। वाराणसी में श्रील काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण के खिलाफ दाखिल याचिका पर सोमवार को सुनवाई पूरी होने के साथ ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।
वाराणसी की अदालत ने दिया था सर्वे कराने का आदेश
स्मरण रहे कि वाराणसी की अदालत ने 8 अप्रैल, 2021 को एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया था। इसी के खिलाफ इंतजामिया कमेटी और सुन्नी वक्फ बोर्ड हाईकोर्ट पहुंचा था। इंतजामिया कमेटी और अन्य की ओर से पहले ही 1991 में दाखिल अर्जी की पोषणीयता पर याचिका दाखिल कर रखी है।
हाई कोर्ट ने वाराणसी की अदालत के फैसले पर लगा दी थी रोक
हाईकोर्ट ने 9 सितंबर, 2021 को वाराणसी की अदालत के फैसले पर रोक लगा दी थी। 11 नवंबर को पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अगली सुनवाई पर इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की प्रति और हाईकोर्ट की एक अन्य बेंच में चल रही सुनवाई के आदेश की प्रति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता ने सर्वे के समर्थन में अपनी दलील पेश की। हिन्दू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कहा था कि विवादित परिसर में खुली आंख से मंदिर दिखाई देता है। ऊपर का गुम्बद छोड़कर शेष पूरा ढांचा मंदिर का है, जिसमें हिन्दू प्रतीक भी बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आर्कोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा सर्वे करने से अदालत को इस विवाद के समाधान में सहूलियत होगी। यह एक वैज्ञानिक जांच है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्यता दी है। राम जन्म भूमि विवाद में भी हाई कोर्ट ने आर्कोलॉजिकल सर्वे की अनुमति दी थी।
गौरतलब है कि ज्ञानवापी विवाद से जुड़ी पांच याचिकाओं पर हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इनमें से तीन पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। शेष दो याचिकाएं इंतजामिया कमेटी और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से दाखिल हैं। अब इस पर भी फैसला सुरक्षित हो गया है।