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एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने एचडीएफसी बैंक के साथ विलय से पहले सेवानिवृत्ति की घोषणा की

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नई दिल्ली, 30 जून। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने शुक्रवार को कम्पनी के निवेशकों को लिखे एक पत्र में अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की है। कम्पनी को 46 वर्ष समर्पित करने के बाद पारेख ने पहले संकेत दिया था कि वह एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के विलय के बाद 30 जून को अपने पद से हट जाएंगे। विलय को मंजूरी देने के लिए एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का बोर्ड 30 जून को बैठक करने वाला था।

‘यह मेरे लिए भविष्य की प्रत्याशा और आशा दोनों के साथ संन्यास लेने का समय

दीपक पारेख ने कहा, ‘यह मेरे लिए भविष्य की प्रत्याशा और आशा दोनों के साथ संन्यास लेने का समय है। हालांकि यह एचडीएफसी के शेयरधारकों के लिए मेरा आखिरी संचार होगा, निश्चिंत रहें, हम अब विकास और समृद्धि के एक बहुत ही रोमांचक भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। एचडीएफसी का अनुभव अमूल्य है।’

पारेख ने पत्र में लिखा, ‘हमारे इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता और हमारी विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा। हमें पूरा विश्वास है कि भारत में हाउसिंग फाइनेंस का दायरा आने वाले कई वर्षों तक विशाल बना रहेगा।’

भारत के इतिहास में सबसे बड़ा लेनदेन कहे जाने वाले एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के विलय की घोषणा चार अप्रैल, 2022 को की गई थी। एचडीएफसी बैंक और हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प (एचडीएफसी) के बीच प्रस्तावित विलय से एक ऐसा ऋणदाता तैयार होगा, जो इक्विटी बाजार पूंजीकरण में चौथे स्थान पर है।

विलय के बाद कम्पनी दुनिया के सबसे मूल्यवान बैंकों में शुमार होगी

ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, जेपी मॉर्गन चेज एंड कम्पनी, इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड और बैंक ऑफ अमेरिका कॉर्प से पीछे है। इसकी कीमत लगभग 172 बिलियन डॉलर है। विलय पूरा होने के बाद कम्पनी पहली बार दुनिया के सबसे मूल्यवान बैंकों में शुमार होगी।

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