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गजब! यूपी में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का बना दिया मृत्यु प्रमाणपत्र, 5 गिरफ्तार

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सोनभद्र, 3 मार्च। उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी, जब उसने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को लैपटॉप व मोबाइल के साथ गिरफ्तार कर लिया। एएसपी त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों को यह जानकारी दी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पन्नूगंज थाना क्षेत्र में एक साइबर कैफे से गत दो फरवरी को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था, जिसके बाद उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक खलबली मच गई थी।इस मामले में स्वास्थ्य विभाग राबर्ट्सगंज के मनोज कुमार (डाटा प्रोसेसिंग असिस्टेंट, जन मृत्यु कार्यालय, मुख्य चिकित्साधिकारी, रॉबर्ट्सगंज) सोनभद्र द्वारा 10 फरवरी को सूचना दी गई।

5 आरोपितों को किया गिरफ्तार

मामले के जल्द खुलासा के लिए पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन त्रिभुन नाथ त्रिपाठी व क्षेत्राधिकारी सदर डॉ चारु द्विवेदी के नेतृत्व में अपराध शाखा व थाना पन्नूगंज की संयुक्त टीम का गठन किया गया। टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी, जब घटना में संलिप्त इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपितों ने क्या कहा

गिरफ्तार आरोपितों ने बताया, “तो गत दो फरवरी को एक व्यक्ति ने, जिसका नाम-पता हम लोग नही जानते, मनोहर लाल पुत्र, हरवंश लाल निवासी 719 न्यू प्रेमनगर पोस्ट प्रेमनगर करनाल हरियाणा पिन- 132001 का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने हेतु विवरण जरिये ह्वाट्सएप भेजा था। जिसे हमने बनाकर ह्वाट्सएप पर उसे भेज दिया। इस कार्य के लिए हमें पैसे मिले। हम लोगों को जानकारी नहीं थी कि हमने यह फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र हरियाणा के मुख्यमंत्री का बनाया है। जानकारी होने पर हमने उसे सीआरएस पोर्टल की उसी आईडी से निरस्त कर दिया।

वहीं इस मामले में एएसपी त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी बताया कि पांच आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि स्वास्थ्य भवन लखनऊ के जन्म एवं मृत्यु आकंड़ा अनुभाग में स्टेट को-आर्डिनेटर के पद पर कार्यरत यशवन्त द्वारा इन्हे जन्म एवं मृत्यु प्रमाण जारी करने हेतु बनाये गये सीआरएस पोर्टल की आईडी व पासवर्ड दिया जाता है। इनके मोबाइल नंबर को उस आईडी पर पंजीकृत कर दिया जाता है, जिससे लॉगिन करते समय ओटीपी भी मिल जाता है, जिसकी सहायता से जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने का कार्य किया जाता है और उसके एवज में प्रत्येक प्रमाण पत्र पर धनराशि मिलती है।

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