नई दिल्ली, 28 अप्रैल। देश में ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच अब केंद्र सरकार ने भी विपक्ष पर हमला शुरू कर दिया है। इस क्रम में कोरोना संक्रमण को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां विपक्षशासित कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का मुद्दा छेड़ते हुए उनसे राष्ट्रहित में पेट्रोलियम उत्पादों पर से वैट घटाकर आम आदमी को राहत देने की अपील की थी वहीं अब केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मुद्दे पर जवाब दिया है।
Petrol will be cheaper if opposition ruled states cut taxes on fuel instead of imported liquor! Maharashtra govt imposes ₹32.15/ltr on petrol & Congress ruled Rajasthan ₹29.10 But BJP ruled Uttarakhand levies only ₹14.51 & Uttar Pradesh ₹16.50
Protests cannot challenge facts!— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) April 28, 2022
हरदीप पुरी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि विपक्षशासित राज्य आयातित शराब के बदले ईंधन पर करों में कटौती करें तो पेट्रोल स्वतः सस्ता हो जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार पेट्रोल पर 32.15 रुपये प्रति लीटर और कांग्रेसशासित राजस्थान सरकार 29.10 रुपये वसूलती है, लेकिन भाजपाशासित उत्तराखंड में केवल 14.51 रुपये और उत्तर प्रदेश 16.50 रुपये प्रति लीटर लिए जाते हैं। विरोध तथ्यों को चुनौती नहीं दे सकता!’
‘विपक्ष का इरादा सिर्फ विरोध और आलोचना करना, लोगों को राहत देना नहीं‘
पुरी ने यह भी ट्वीट किया कि भाजपाशासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर 14.50 रुपये से 17.50 रुपये प्रति लीटर की सीमा में वैट है, जबकि अन्य दलों द्वारा शासित राज्यों द्वारा लगाए गए कर 26 रुपये से 32 रुपये प्रति लीटर के बीच हैं। अंतर स्पष्ट है। उनका इरादा केवल विरोध और आलोचना करना है, लोगों को राहत देना नहीं है।
BJP ruled States have a VAT on petrol & diesel in the range of ₹14.50 to ₹17.50 /ltr, while taxes levied by states ruled by other parties are in the range of ₹26 to ₹32 /ltr. The difference is clear. Their intent is only to protest & criticise, not extend relief to the people
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) April 28, 2022
एक अन्य ट्वीट में हरदीप पुरी ने लिखा कि सत्य दुख देता है, लेकिन तथ्य अपने लिए बोलते हैं। हरियाणा में पेट्रोल पर 18 फीसदी और डीजल पर 16 फीसदी वैट सबसे कम है। राज्य का एक महत्वाकांक्षी नेता इनका विरोध करता है, लेकिन अपनी ही पार्टी द्वारा शासित राजस्थान पर चुप है, जो देश में सबसे ज्यादा 31.08 फीसदी +1500 रुपये / केएल उपकर लगाता है!