काबुल, 3 नवम्बर। अफगानिस्तान में जारी तालिबानी राज के दौरान पाकिस्तान के पालतू आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क को सबसे बड़ा झटका लगा, जब तालिबान सरकार में गृह मंत्री पद पर काबिज हक्कानी नेटवर्क के मुखिया सिराजुद्दीन हक्कानी के मुख्य सैन्य रणनीतिकार और काबुल के कमांडर मौलवी हमदुल्ला मुखलिस की मंगलवार को एक भीषण आत्मघाती हमले में मौत हो गई।
काबुल हमले में कम से कम 25 लोग मारे गए
ज्ञातव्य है कि काबुल के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल के बाहर मंगलवार को हुए दो जोरदार बम धमाकों और फायरिंग की घटनाओं में अब तक कम से कम 25 लोग मारे गए हैं। इसी दौरान मौलवी हमदुल्ला मुखलिस भी मारा गया।
तालिबान की स्पेशल फोर्स बद्री ब्रिगेड का कमांडर भी था
बताया जा रहा है कि हमदुल्ला तालिबान की स्पेशल फोर्स बद्री ब्रिगेड का कमांडर भी था। इसी ब्रिगेड को काबुल में सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है। तालिबानी कमांडर की मौत से हक्कानी नेटवर्क को बहुत बड़ा झटका लगा है। इससे पहले हमदुल्ला पाकटिका और खोश्त प्रांतों में तालिबान का शैडो गवर्नर रह चुका था।
स्मरण रहे कि काबुल पर कब्जे के बाद हमदुल्ला ही सबसे पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय में घुसा था। गनी की कुर्सी पर बैठे हमदुल्ला की तस्वीरें वायरल हो गई थीं।
किसी गुट ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी, आईएसआईएस पर शक
अब तक इस हमले की किसी गुट ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन माना जा रहा है कि इस आत्मघाती हमले को आईएसआईएस के संगठन के आतंकियों ने अंजाम दिया है। इस खूंखार आतंकवादी संगठन ने पिछले महीने में अफगानिस्तान में कई हमले किए हैं। इनमें से सबसे भीषण हमला दो शिया मस्जिदों पर किया गया था। इस्लामिक स्टेट अफगानिस्तान के तालिबान नियंत्रण के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरा है।
अफगानिस्तान के चर्चित पत्रकार बिलाल सरवरी ने ट्वीट करके कहा, ‘आईएसआईएस के आतंकी अब अपने पहले सबसे महत्वपूर्ण टारगेट की हत्या करने में सफल हो गए हैं। हमदुल्ला तालिबान का सबसे करिश्माई नेता था। इससे निश्चित रूप से तालिबानी नेतृत्व हिल गया होगा।’
तालिबान ने कहा – 15 मिनट में मारे गए सभी हमलावर
उधर तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि विस्फोट 400 बिस्तरों वाले सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल के प्रवेश द्वार पर हुए। इसके बाद इस्लामिक स्टेट के बंदूकधारियों के एक समूह ने हमला किया, लेकिन वे सभी 15 मिनट के भीतर मारे गए।
मुजाहिद ने यह भी बताया कि तालिबान के स्पेशल फोर्सेज कमांडो टीम को हेलीकॉप्टर के जरिए अस्पताल परिसर में एयर ड्रॉप किया गया। इससे हमलावरों को अस्पताल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया और सभी को गेट या आंगन में ही मार गिराया गया।