मुंबई, 4 मई। हनुमान चालीसा मामले में सेशन्स कोर्ट से बुधवार को अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जमानत मिल गई है। राणा दंपत्ति को कोर्ट से 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिलने के बाद अमरावती में उनके घर पर खुशी का माहौल है। साथ ही जय श्रीराम के नारे भी लगाए जा रहे हैं। कोर्ट ने जमानत देते हुए दंपति के लिए कई शर्तें भी रखी हैं। कोर्ट के आदेश के मुताबिक राणा दंपति मीडिया से बात नहीं कर सकते। सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते। कोर्ट ने यह भी हिदायत दी कि दंपति दोबारा ऐसा कोई अपराध नहीं करेंगे। राणा दंपति आज शाम जेल से बाहर आ सकते हैं।
- क्या था मामला
बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बांद्रा स्थित निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की सार्वजनिक घोषणा से उत्पन्न विवाद में निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को 23 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया था। शनिवार को इस मामले में दोनों पक्ष के वकीलों ने जमानत अर्जी पर अपनी दलीलें पूरी की थीं। विशेष न्यायाधीश आरएन रोकडे ने सोमवार के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था लेकिन आदेश इसलिए नहीं दिया जा सका क्योंकि अदालत अन्य मामलों में व्यस्त थी और (राणा दंपति के जमानत आदेश से) संबंधित श्रुतलेख पूरा नहीं हो पाया था।
राणा दंपति ने अपने खिलाफ राजद्रोह और दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मुंबई पुलिस की एफआईआर के मामले में जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। उनकी जमानत याचिका में कहा गया था कि ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के आह्वान को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी या घृणा की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य वाला नहीं कहा जा सकता और आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत इस आरोप को कायम नहीं रखा जा सकता।
याचिका में कहा गया था कि मुख्यमंत्री के निजी आवास के पास हनुमान चालीसा का पाठ करके लोगों को भड़काने या नफरत फैलाने का राणा दंपति का कोई इरादा नहीं था। पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती से लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और बडनेरा से विधायक रवि राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र की मुंबई यात्रा का हवाला देते हुए ठाकरे के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपनी योजना को छोड़ दिया था।