नई दिल्ली, 11 अगस्त। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने यूरोपीय देशों में अपनी निर्यात क्षमता बढ़ाने के लिए 2009 में हेलीकॉप्टर 1 के यूरोपीय विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) प्रमाणन के लिए आवेदन किया था। हालांकि ईएएसए की कठोर आवश्यकताओं का अनुमान लगाने में विफल वह रहा जिसके चलते अनुपालन में अधिक समय लगा और अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना पड़ा। कैग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मार्च 2020 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 2023 की रिपोर्ट संख्या 18 बृहस्पतिवार को संसद में पेश की गई। इसके अलावा एचएएल ने ‘‘परियोजना 1 से जुड़े जोखिमों की परिकल्पना नहीं की जिसके परिणामस्वरूप कई अनियोजित गतिविधियां शुरू हुईं।’’
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), ईएएसए की कठोर आवश्यकताओं के समय पर अनुपालन के लिए परामर्श सेवाओं का लाभ उठाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की पहचान करने में भी विफल रही। इससे 108.24 करोड़ रुपये का खर्च बर्बाद हो गया।’’