नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि भारत की एकता और समृद्धि सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन का एकमात्र ध्येय था और उनकी बदौलत ही पृथ्वी पर एक संप्रभु तथा अखंड भारत का मौजूदा मानचित्र संभव हो पाया था। देश के पहले गृह मंत्री और लोह पुरूष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभाई पटेल की जयंती, राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर श्री शाह ने मंगलवार को यहां मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में एकता दौड़ के आयोजन के मौके पर यह बात कही।
इससे पहले उन्होंने सुबह सात बजे पटेल चौक स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने कहा ,“ देश के एकीकरण व निर्माण में लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी का अविस्मरणीय योगदान है। आज सरदार साहब की जयंती के अवसर पर नई दिल्ली में उनकी प्रतिमा पर कृतज्ञ राष्ट्र के ओर से श्रद्धासुमन अर्पित किये।”
एकता दौड़ को झंडी दिखाकर रवाना करने से पहले श्री शाह ने कहा कि अंग्रेज इस देश को खंड खंड होने के लिए छोड़ कर गये थे लेकिन सरदार पटेल ने कुछ ही दिनों में 550 रियासतों को एकता के सूत्र में पिरो दिया। उन्होंने कहा,“ सरदार नहीं होते तो आज जो भारत माता का जो मानचित्र है वह हम नहीं देख पाते। इस देश को एक करने में सरदार पटेल का अविस्मरणीय योगदान था और देश इसे कभी भुला नहीं सकता। ”
शाह ने कहा कि इस एकता दिवस का अपना महत्व है क्योंकि यह आजादी के अमृतकाल के दौरान पहला एकता दिवस है। आज यहां करीब 8 हजार प्रतिभागी एकता दौड में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी यह शपथ लें कि 25 वर्ष बाद जब 15 अगस्त 2047 में हम आजादी की शताब्दी मनायें तो भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में हर क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे खड़ा हो। इसके बाद उन्होंने सभी को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलायी और एकता दौड़ को झंडी दिखाकर रवाना किया। जाने माने पहलवान योगेश्वर दत्त तथा अन्य खिलाड़ियों ने शाह को झंडी सौंपी।