गुवाहाटी, 25 जून। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव पर एक बार फिर ग्रहण लग गया। अब रविवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम कुश्ती संघ की याचिका पर एक बार फिर चुनाव पर रोक लगा दी, जो 11 जुलाई को कराया जाना था।
असम कुश्ती संघ की डब्ल्यूएफआई, आईओए तदर्थ समिति व मंत्रालय के खिलाफ याचिका
असम कुश्ती संघ ने डब्ल्यूएफआई, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की तदर्थ समिति और खेल मंत्रालय के खिलाफ दायर याचिका में कहा कि वह डब्ल्यूएफआई से सदस्य के रूप में मान्यता के हकदार है, लेकिन उत्तर प्रदेश के गोंडा में 15 नवम्बर, 2014 को डब्ल्यूएफआई की आम परिषद को तत्कालीन कार्यकारी समिति की सिफारिश के बावजूद ऐसा नहीं किया गया।
डब्ल्यूएफआई से सदस्य के रूप में मान्यता की मांग उठाई
तदर्थ समिति ने मतदाता सूची के लिए नाम भेजने की आखिरी तारीख 25 जून तय की थी जबकि नई संचालन संस्था के चयन के लिए चुनाव 11 जुलाई को होने थे। याचिकाकर्ता ने कहा कि जब तक कि उनकी संस्था को डब्ल्यूएफआई से मान्यता नहीं मिलती और वे मतदाता सूची के लिए अपने प्रतिनिधि को नामांकित नहीं कर पाते, तब तक चुनाव प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए।
मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई तय
अदालत ने प्रतिवादियों डब्ल्यूएफआई की तदर्थ समिति और खेल मंत्रालय को निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख तक वे डब्ल्यूएफआई की कार्यकारी समिति के चुनाव की प्रक्रिया पर आगे नहीं बढ़ें। सुनवाई की अगली तारीख 17 जुलाई तय की गई है।
असम कुश्ती संघ ने अपनी याचिका में कहा कि वह राज्य में कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से शामिल था और उसने डब्ल्यूएफआई के आदेश के अनुसार विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तर के टूर्नामेंट आयोजित किये थे। राज्य संघ ने अपनी याचिका में कहा कि कई प्रयासों के बावजूद उसे मान्यता नहीं दी गई। उसने कहा कि जब तक उसे मूल संस्था से मान्यता नहीं मिलती, तब तक वह आगामी चुनावों के लिए निर्वाचक मंडल में अपना प्रतिनिधि नामांकित नहीं कर सकता।
उल्खनीय है कि खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित होने से पहले डब्ल्यूएफआई ने चुनाव की तारीख सात मई तय की थी। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शन करने वाले पहलवानों से मुलाकात के बाद कहा था कि डब्ल्यूएफआई के चुनाव 30 जून तक करा लिए जाएंगे।
दो बार पहले ही बढ़ाई जा चुकी थी चुनाव की तारीख
आईओए ने फिर घोषणा की कि चुनाव जुलाई में कराए जाएंगे, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने नई तारीख छह जुलाई तय की। फिर पांच गैर मान्यता प्राप्त राज्य इकाइयों के मतदान के लिए पात्र होने का दावा पेश करने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने फिर से चुनाव की तारीख पांच दिन के लिए आगे बढ़ाकर इसे 11 जुलाई तय किया था।