गोरखपुर, 3 जुलाई। गुरु-शिष्य परंपरा की चर्चा बिना नाथ पीठ की चर्चा के पूरी नहीं होती, क्योंकि यह परंपरा इस पीठ का मूल है और नाथ योगियों की ताकत भी। इस परंपरा को कायम रखकर ही नाथ पीठ ने गुरु के प्रति आस्था और सम्मान को कायम रखने का संदेश पूरी दुनिया को दिया है। साथ ही दुनिया के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूजा अर्चना की। गौ सेवा की। वहीं जनता दर्शन के लिए आए लोगों की समस्याओं को सुना।
- गुरुओं की उतारी आरती
नाथ पीठ में गुरु-शिष्य परंपरा की शुरुआत पहले नाथ योगी मत्स्येंद्र नाथ और गुरु गोक्षनाथ से शुरू हुई। गुरु गोरक्षनाथ की गुरु भक्ति के कहानियां आज भी लोगों को गुरु सम्मान के लिए प्रेरणा बनती हैं। उनके बाद के नाथ योगियों ने भी इस परंपरा को पूरी श्रद्धा और भक्ति निभाया। गुरुओं के बताए मार्ग पर चलकर ही वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ भी इस परंपरा को समृद्ध कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जैसा महत्वपूर्ण राजनीतिक दायित्व मिलने के बाद भी उन्होंने परंपरा को मजबूत करने का सिलसिला जारी रखा। तमाम व्यस्तता के बाद भी वह गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विधि-विधान से गुरु-पूजा करने और शिष्यों को आशीर्वाद देने के लिए गोरखनाथ मंदिर जरूर आते हैं और इस वर्ष भी पहुंच चुके हैं।