अहमदाबाद, 26 अप्रैल। गुजरात हाई कोर्ट की एक न्यायाधीश ने बुधवार को राहुल गांधी की सूरत सत्र अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इससे इस केस को लेकर एक बार फिर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राहुल गांधी के वकील पीएस चंपानेरी ने न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के समक्ष मामले का उल्लेख किया और तत्काल सुनवाई किए जाने की गुहार लगाई। लेकिन संक्षिप्त सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति गीता गोपी ने कहा – ‘मेरे सामने नहीं।’
गौरतलब है कि सूरत की सत्र अदालत ने राहुल गांधी की मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। यह घटनाक्रम राहुल गांधी की ओर से हाई कोर्ट में अपील दायर करने के एक दिन बाद सामने आया है।
पीएस चंपानेरी ने बताया कि अदालत ने पहले उन्हें मामले को बुधवार के लिए रखने की अनुमति दी थी, लेकिन जब यह सुनवाई के लिए याचिका आई तो मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। जस्टिस गोपी के इस फैसले के बाद अब हाई कोर्ट के किसी दूसरे जज को यह मामला सौंपा जाएगा।
राहुल के वकील ने तत्काल सुनवाई की मांग की
दरअसल, राहुल गांधी ने हाई कोर्ट से अपनी सजा पर स्थगन आदेश जारी करने की मांग की है। उनके वकील पीएस चंपानेरी ने जस्टिस गीता गोपी की अदालत केस मेंशन किया और तत्काल सुनवाई की मांग की।
सरकारी वकील ने तत्काल सुनवाई की मांग का यह कहकर विरोध किया कि मामले को अर्जेंट सर्कुलेशन के लिए अनुमति मिलनी चाहिए, लेकिन तत्काल सुनवाई के लिए नहीं। हालांकि चंपानेरी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह एक निजी शिकायत है और सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है।