गांधीनगर, 29 अप्रैल। गुजरात उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है। सूरत सत्र न्यायालय द्वारा राहुल गांधी को दोषी ठहराने के फैसले पर रोक लगाने की मांग खारिज करने के बाद कांग्रेस नेता ने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने राहुल गांधी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी को ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराने के सूरत सत्र न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की याचिका पर दो मई तक जवाब दाखिल करने को कहा। अगली सुनवाई मंगलवार, दो मई को है। इस दिन दोनों पक्ष अपनी अंतिम दलील पेश करेंगे।
इससे पहले गत 26 अप्रैल को राहुल गांधी के वकील पी.एस. चंपानेरी ने न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत के समक्ष मामले का उल्लेख किया था। हालांकि, न्यायमूर्ति गोपी ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था।
2 वर्ष जेल की सजा
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने गत 23 मार्च को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो वर्ष जेल की सजा सुनाई थी।
संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित
फैसले के बाद राहुल गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। सूरत की सत्र अदालत ने कांग्रेस नेता को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी अर्जी 20 अप्रैल को खारिज कर दी थी। राहुल इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं।