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गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज होगा एलान, चुनाव आयोग ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस

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नई दिल्ली, 3 नवम्बर। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) आज गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम का एलान कर सकता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार निर्वाचन आयोग ने इस निमित्त मध्याह्न 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।

इससे पहले चुनाव आयोग ने गत 14 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीखों का एलान किया था। हिमाचल में एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा जबकि आठ दिसम्बर को मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग ने हालांकि उस दिन गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा नहीं की, जिसे लेकर कई विपक्षी दलों ने सवाल उठाए थे।

गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त होगा

गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है जबकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी को समाप्त होगा। हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा न करने पर निर्वाचन आयोग ने कहा था कि परंपरा, मतदान की तारीखों में अंतर और मौसम सहित विभिन्न कारकों पर विचार के बाद यह फैसला लिया गया।

2017 में दो चरण में हुए थे गुजरात चुनाव

दूसरी ओर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा इसलिए नहीं की गई ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और बड़े-बड़े वादे करने तथा उद्घाटन करने का समय मिल जाए।

इससे पहले साल 2017 में आयोग ने 12 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश में और 25 अक्टूबर को गुजरात में विधानसभा चुनाव का ऐलान किया था। दोनों राज्यों में मतों कि गिनती 18 दिसम्बर को हुई थी। पिछली बार गुजरात चुनाव दो चरणों में कराए गए थे। इसके लिए 9 दिसम्बर और 14 दिसम्बर को मतदान हुआ था।

भाजपा, आप‘ और कांग्रेस में टक्कर

गुजरात में पिछले करीब 25 वर्षों से भाजपा सत्ता में है। हालांकि पिछली बार 2017 में कांग्रेस ने पिछले कुछ दशकों में राज्यों में अपना सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था। इसके बावजूद भाजपा सरकार में वापसी करने में कामयाब रही थी। इस बार आम आदमी पार्टी भी गुजरात चुनाव के लिए मैदान में है और कड़ी चुनौती पेश करती नजर आ रही है।

गुजरात विधानसभा में 182 सीटें हैं और किसी भी पार्टी को बहुमत के लिए 92 सीटों की जरूरत है। पिछले चुनाव में भाजपा ने 99 सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस ने 77 सीटों पर कब्जा किया था। छह सीटें अन्य के खाते में गई थीं। इस तरह भाजपा लगातार छठी बार राज्य में सरकार बनाने में कामयाब हुई थी।

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