वाराणसी, 29 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की ख्याति सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक पहुंच चुकी है। इसी कड़ी में अब शंघाई सहयोग संगठन यानी (एससीओ) का एक प्रतिनिधिमंडल अगले वर्ष 16 जनवरी को काशी आ रहा है और पड़ोसी देश पाकिस्तान व चीन सहित सात देशों के मेहमान काशी की संस्कृति और यहां की
सीएम योगी ने विदेशी मेहमानों के स्वागत की भव्य तैयारी करने का दिया निर्देश
उल्लेखनीय है कि एससीओ ने इसी माह काशी को दुनिया की पहली सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी का दर्जा दिया है। इसके बाद प्रदेश सरकार ने एससीओ के समस्त सदस्यों को काशी भ्रमण का न्यौता भेजा है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत की सांस्कृतिक और पारंपरिक झांकी प्रस्तुत करने वाले पवित्र शहर वाराणसी में विदेशी मेहमानों के स्वागत की भव्य तैयारी करने का निर्देश दिया है।
काशी को सजाने और संवारने की कवायद तेज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर काशी को सजाने और संवारने की कवायद तेज हो गई है। इन विदेशी मेहमानों के भव्य स्वागत के लिए मुख्यमंत्री योगी ने आला अधिकारियों से कहा है कि स्वच्छता मिशन के तहत शहर को पूरी तरह से साफ-सुथरा रखा जाए। सभी प्रमुख चौराहों पर जाम की समस्याओं का निस्तारण किया जाए। मेहमानों के आगमन पर स्कूली बच्चे उनका स्वागत करेंगे।
राज्य सरकार की मंशा है कि मेहमान जब काशी पधारें तो उन्हें अपनत्व का बोध हो, ताकि वो यहां की संस्कृति को समझ सकें। दरअसल, शंघाई सहयोग संगठन विश्व के आठ देशों यानी भारत, पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान की सदस्यता वाला एक आर्थिक एवं सुरक्षा गठबंधन है। यह संगठन सुरक्षा ही नहीं बल्कि आपस में आर्थिक तरक्की को बल देने के प्रयासों के लिए भी कार्य करता है। ऐसे में एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों का वाराणसी आगमन सांस्कृतिक पहचान के अलावा इन देशों के साथ कारोबार के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।