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जीएसटी परिषद की बैठक में फैसला : ऑनलाइन गेमिंग पर अब 28 प्रतिशत कर लगेगा, दुर्लभ बीमारियों की दवाएं सस्ती होंगी  

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नई दिल्ली, 11 जुलाई। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग में पूरी राशि पर 28 प्रतिशत कर लगाने का फैसला किया है। वहीं, कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली डाइनुटक्सिमैब दवा और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले विशेष चिकित्सकीय खाद्य उत्पाद (एफएसएमपी) के आयात पर जीएसटी से राहत देने का भी फैसला किया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक अन्य कई अहम फैसले किए गए। वित्त मंत्री ने बैठक में ‘जीएसटी परिषद – यात्रा की ओर 50 कदम’ शीर्षक से एक लघु फिल्म भी जारी की।

वित्त मंत्री कार्यालय ने ट्वीट में कहा, ‘50वीं बैठक एक मील का पत्थर है, जो सहकारी संघवाद की सफलता और एक अच्छी और सरल कर व्यवस्था की स्थापना का संकेत देती है।’ केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं।

विपक्ष शासित सरकारों ने केंद्र की अधिसूचना पर चर्चा की मांग उठाई

हालांकि विपक्षी दलों के शासन वाले विभिन्न राज्यों ने जीएसटी परिषद की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष केंद्र के उस फैसले पर चिंता जताई है, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (‍ईडी) को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से सूचना साझा करने की अनुमति दी गई है।

पंजाब की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसे ‘कर आतंकवाद’ बताते हुए कहा कि इससे छोटे कारोबारी डरे हुए हैं। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना के माध्यम से धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए), 2022 में संशोधन किया है। इसके तहत जीएसटी की प्रौद्योगिकी इकाई संभालने वाली जीएसटीएन को उन इकाइयों में शामिल कर लिया गया है, जिनके साथ ईडी सूचना साझा कर सकता है।

बैठक में ‘आप’ की दिल्ली और पंजाब सरकारों ने इन अधिसूचना पर चिंता जताते हुए इसपर चर्चा की मांग की। दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कई वित्त मंत्रियों ने यह मुद्दा उठाया। दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान ने चिंता जताते हुए कहा है कि इसपर परिषद में चर्चा होनी चाहिए।’

उन्होंने कहा, “अधिसूचना ईडी को जीएसटी का भुगतान नहीं करने पर किसी भी व्यवसायी को गिरफ्तार करने का अधिकार देती है। इस तरह के फैसले से देश में ‘कर आतंकवाद’ बढ़ेगा और यह छोटे कारोबारियों और आम लोगों के लिए खतरनाक है।”

आतिशी ने कहा कि जीएसटीएन को पीएमएलए के तहत लाया गया है। इसका मतलब यह होगा कि चाहे आप छोटे या बड़े व्यवसाय में हों, यदि आप जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं, तो आप पर रिटर्न दाखिल करने में देरी जैसे अपराधों के लिए ईडी मुकदमा चला सकता है।

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद सस्ती होने वालीं प्रमुख चीजें  

महंगी होंगी ये प्रमुख चीजें  

गौरतलब है कि फिटमेंट कमेटी ने सिफारिश की थी कि सभी यूटिलिटी वाहन, चाहे वे किसी भी नाम से पुकारे जाएं, उन पर 22 प्रतिशत सेस लगाया जाए। हालांकि, इसके लिए गाड़ी में तीन मापदंड – 4 मीटर से अधिक लंबाई, 1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता और 170 मिमी से अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस होना जरूरी है। ये सभी बदलाव जीएसटी कानून में संशोधन के बाद लागू होंगे।

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