नई दिल्ली, 12 जून। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने कोरोना संक्रमण से जुड़ी राहत सामग्रियों पर मंत्री समूह की सिफारिशों को मंजूरी दे दी। शनिवार को यहां हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में ब्लैक फंगस की दवा को टैक्स फ्री करने की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही कोरोना से जुड़ी कई अन्य चीजों पर कर की दर कम कर दी गई। हालांकि कोरोना वैक्सीन पर पांच फीसदी जीएसटी को बरकरार रखा गया है।
निर्मला सीतारमण ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार 75 फीसदी कोरोना वैक्सीन की खरीद कर रही है। उस पर जीएसटी भी दे रही है, लेकिन जब इसे सरकारी अस्पतालों के माध्यम से आम जनता को मुफ्त में दिया जाएगा तो इसका जनता पर कोई असर नहीं होगा। हालांकि दिल्ली, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जैसे राज्यों की ओर से बार-बार कोरोना वैक्सीन पर जीएसटी खत्म किए जाने की मांग उठाई जाती रही है।
रेमडेसिवर दवा पर जीएसटी की दर अब 5%
जीएसटी काउंसिल ने कोरोना से जुड़ी अन्य राहत सामग्रियों पर भी कर की दर कम की है। इनमें सबसे अहम रेमेडेसिवर दवा पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। इसके अलावा ऑक्सीमीटर, मेडिकल ग्रेड की ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर भी जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है।
जीएसटी काउंसिल की 44वीं बैठक देश में अब भी व्याप्त कोरोना के असर को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई। बैठक में वित्त मंत्री निर्मला के साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त मंत्रालय के अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री, केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में शामिल रहे।
मंत्री समूह ने 8 जून को सौंप दी थीं अपनी सिफारिशें
अपनी सिगौरतलब है कि पिछले माह हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में एक मंत्री समूह का गठन किया गया था। इसे कोविड से जुड़ी राहत सामग्री पर किस दर से जीएसटी वसूला जाए, इसके लिए सिफारिशें देने को कहा गया था। मेघालय के उप-मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता में बने इस मंत्री समूह ने गत आठ जून को अपनी सिफारिशें सरकार को सौंप दी थीं, जिनपर आज की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्री समूह ने मेडिकल ऑक्सीजन, पल्स आक्सीमीटर, हैंड सैनेटाइजर्स और वेंटलेंटर्स जैसी कोरोना राहत सामग्री पर जीएसटी छूट देने को लेकर विचार किया था। वहीं आठ सदस्यों वाले इस समूह में कुछ राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कोरोना वैक्सीन, दवा, टेस्टिंग किट इत्यादि पर भी कर की दर कम करने के लिए कहा था।