न्यूयॉर्क, 25 मार्च। इजराइल के लगातार हमलों के त्रस्त गाजा में युद्धविराम का आधार तैयार हो गया, जब सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस बाबत प्रस्ताव पारित कर दिया। हालांकि अमेरिका ने इस प्रस्ताव पर मतदान नहीं किया।
प्रस्ताव पर 15 में से 14 सदस्यों ने सहमति की मुहर लगाई
यूएनएससी में पेश किए गए प्रस्ताव पर 15 में से 14 सदस्यों ने सहमति की मुहर लगाई। इसे सुरक्षा परिषद के 10 सदस्यों ने संयुक्त रूप से पेश किया था। इसमें मांग की गई थी कि 10 मार्च से शुरू हुए रमजान के महीने में तत्काल रूप से संघर्ष विराम किया जाए। इसके अलावा, प्रस्ताव में बंधकों की रिहाई की भी शर्त रखी गई है।
The Security Council just approved a long-awaited resolution on Gaza, demanding an immediate ceasefire, and the immediate and unconditional release of all hostages.
This resolution must be implemented. Failure would be unforgivable.
— António Guterres (@antonioguterres) March 25, 2024
अमेरिका ने प्रस्ताव पर नहीं किया मतदान
गौरतलब है कि अमेरिका लगातार गाजा में बंदी बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग कर रहा है। यूएनएससी से पारित प्रस्ताव में उन बंधकों की रिहाई की भी मांग की गई थी, लेकिन अमेरिका ने अप्रत्याशित रूप से इसपर वोटिंग से परहेज किया। अमेरिका ने भी इससे पहले सिक्योरिटी काउंसिल में एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे रूस और चीन ने वीटो कर दिया था। उस प्रस्ताव में ‘तत्काल और निरंतर संघर्ष विराम’ की मांग की गई थी।
अमेरिका के वीटो नहीं करने से पीएम बेंजामिन नेतन्याहू नाराज
इस बीच गाजा में युद्धविराम की मांग वाले प्रस्ताव पर अमेरिका के वीटो नहीं करने से इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नाराज हो गए हैं। उनका कहना है कि वह गाजा में युद्धविराम के लिए यूएनएससी के प्रस्ताव को वीटो नहीं करने पर वॉशिंगटन में योजना के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजेंगे। ध्यान देने योग्य यह है कि अमेरिका की तरफ से इजराइल पर युद्धविराम को लेकर कथित रूप से लगातार दबाव बनाया जा रहा था। इस पर दोनों मुल्कों में बातचीत चल रही थी।
अमेरिका ने दी चेतावनी
वहीं अमेरिका ने चेतावनी दी कि सोमवार को स्वीकार किया गया प्रस्ताव अमेरिका, मिस्र और कतर के बीच चल रही बातचीत को प्रभावित कर सकता है। मसलन, बीते कुछ दिनों से अमेरिकी विदेश मंत्री लगातार मिडिल ईस्ट का दौरा कर रहे हैं और गाजा में बंधकों की रिहाई पर प्रमुखता से बातचीत कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने युद्धविराम का भी समर्थन किया है। फिलहाल अब यूएनएससी की तरफ से पारित प्रस्ताव कब तक लागू होता है, यह देखना दिलचस्प रहेगा।