जयपुर, 11 मार्च। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि निरोगी राजस्थान के निर्माण के लिए गत तीन वर्षों में राज्य में बेहतरीन काम हुआ है और विभाग सुनिश्चित करेगा कि कोई भी चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और अन्य स्टाफ डेपुटेशन पर नहीं रहे, इसके लिए पदों का समानीकरण किया जायेगा। मंत्री मीणा विधानसभा में मांग संख्या 26 (चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने चिकित्सा एवं लोक स्वास्थ्य और सफाई की 142 अरब, 20 करोड़ 90 लाख 50 हजार रूपये की अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित कर दी।
इससे पहले उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ सुविधाओं के लिए संकल्पित राज्य सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। यह प्रयास लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बिना विभाग की अनुमति व जानकारी में लाये यदि किसी भी कार्मिक को डेपुटेशन पर लगाया जायेगा तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। यह सुनिश्चित किया जायेगा कि सभी चिकित्सा सेंटरों पर चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी और अन्य स्टाफ नियमित कार्यरत रहे।
मीणा ने कहा कि अब गंभीर बीमारियों के उपचार और जांच भी निशुल्क हो गई है। मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा में मुख्यमंत्री चिंरजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अब 5 लाख से बढ़ाकर राशि 10 लाख रूपये कर दी गई है। विभाग लगातार प्रयासरत है कि हर अस्पताल में ईसीजी टेक्निशियन नियुक्त किये जाये। एनएचएम में कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर के 7810 संविदा पदों पर भर्ती कर 391 को नियुक्ति दी जा जा चुकी है एवं शेष ब्रिज कोर्स व दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया में है।
उन्होंने बताया कि कोविड की प्रथम और दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में ऑक्सीजन, दवाईयों की कमी नहीं आने दी। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री के आग्रह पर ही केंद्र सरकार ने पूरे देश में निःशुल्क कोविड टीकाकरण कराया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य के 20 जिलों में सौ प्रतिशत कोविड टीकाकरण हो चुका है। प्रदेश में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए टीके लगाये जा रहे है। टीका लगाने की उम्र कम करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है।