चेन्नई, 28 सितम्बर। भारत के महान कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन का गुरुवार को निधन हो गया। वृद्धावस्था में आने वालीं स्वाभाविक दिक्कतों से पीड़ित 98 वर्ष स्वामीनाथन ने यहां पूर्वाह्न 11.20 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति के जनक के तौर पर जाना जाता है।
कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘पद्म भूषण’ से नवाजे गए थे
स्वामीनाथन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के वैज्ञानिक थे। उन्होंने 1972 से लेकर 1979 तक ‘इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च’ के अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया। कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म भूषण’ से नवाजा था। स्वामीनाथन की गिनती भारत के महान कृषि वैज्ञानिकों के तौर पर होती हैं, जिन्होंने धान की ऐसी किस्म को तैयार किया, जिसने भारत के कम आय वाले किसानों को ज्यादा धान पैदा करने के काबिल बनाया।
पुलिस अफसर बनना चाहते थे स्वामीनाथन, यूं बदला फैसला
स्वामीनाथन का जन्म तमिलनाडु के कुंभकोणम में 7 अगस्त, 1925 को हुआ था। उनके पिता एम के संबासिवन एक सर्जन थे। उन्होंने अपनी शुरुआत शिक्षा कुंभकोणम में ही हासिल की। उनके कृषि क्षेत्र में दिलचस्पी की वजह उनके पिता का आजादी की लड़ाई में हिस्सा लेना और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का प्रभाव रहा। दोनों लोगों की वजह से ही उन्होंने कृषि के क्षेत्र में उच्च शिक्षा हासिल की। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो वह पुलिस अफसर बन गए होते।