नई दिल्ली, 29 जनवरी। राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक विजय चौक पर रविवार की शाम बारिश के बीच ‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह का भव्य समापन हो गया। राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमाण्डर द्रौपदी मुर्मू, उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति समारोह में उपस्थित रहे।
‘बीटिंग द रिट्रीट‘ का महत्व
उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी की शाम को हर वर्ष ‘बीटिंग द रिट्रीट’ का आयोजन होता है। यह गणतंत्र दिवस समारोह के समापन का प्रतीक है। इस मौके पर तीनों सेनाएं विशेष धुनें बजाती हैं। ऐसा करके वे राष्ट्रपति से अपनी बैरकों में लौटने की आधिकारिक अनुमति मांगती हैं।
सेना के तीनों अंगों के अलावा अन्य बलों के म्यूजिक बैंड ने बजाई 29 धुनें
‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह में शास्त्रीय रागों पर आधारित भारतीय धुनें बजाई गईं। थल सेना, नौ सेना, वायु सेना और राज्य पुलिस तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के म्यूजिक बैंड ने 29 धुनें बजाईं।
कार्यक्रम की शुरुआत सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को तीनों सेनाओं की सलामी से हुई। तीनों सेना के प्रमुखों ने राष्ट्रपति को सलामी दी। समारोह की शुरुआत अग्निवीर धुन के साथ हुई।
इसके बाद अल्मोडा, केदारनाथ, संगम दूर, क्वीन ऑफ सतपुडा, भगीरथी और कोंकण सुंदरी जैसी धुन बजाई गई। भारतीय वायु सेना के बैंड ने अपराजेय अर्जुन, चरखा, वायु शक्ति और स्वदेशी धुन का प्रदर्शन किया।
नौ सेना की बैंड ने एकला चलो रे, हम तैयार हैं और जय भारती की धुनों से दर्शकों को रोमांचित कर दिया। थल सेना ने शंखनाद, शेर-ए-जवान, भूपाल, अग्रणी भारत, यंग इंडिया, कदम कदम बढाए जा और ऐ मेरे वतन के लोगों जैसी धुनों का वादन किया। समारोह का समापन सदाबहार धुन – ‘सारे जहां से अच्छा’ से किया गया।