अयोध्या, 3 नवंबर। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बुधवार को परंपरागत भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर प्रभु श्रीराम की नगरी को 12 लाख दीयों से सजाने के साथ नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया। इस दौरान राम की पैड़ी पर नौ लाख और अयोध्या के बाकी हिस्सों में तीन लाख दीपक प्रज्जवलित किए गए। वहीं, रामजन्म भूमि परिसर में 51 हजार दीए जलाए गए।
वीडियो : सरयू नदी के तट पर दीपोत्सव की अद्भुत छटा
36 हजार लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार रामनगरी में 32 टीमों के सहयोग से 12 लाख दीयों को जलाने के लिए 36 हजार लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल हुआ। इस बार दीयों की गिनती के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी आई थी।
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दीपोत्सव और मंदिर निर्माण मेरे लिए बहुत अहम : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा, ‘दीपोत्सव और श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मेरा सौभाग्य है कि मैं इनमें सक्रिय सहयोग दे पा रहा हूं। प्रभु स्वयं तय करते हैं कि किस भूमिका में किसे काम करना है। सब प्रभु की लीला है।’
सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया कहती थी कि यह काम असंभव है, लेकिन सभी अवरोधों को खत्म करते हुए राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य बिना रुकावट चल रहा है। यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है, यहां के जनमानस की आस्था की शक्ति है और असंभव कार्य संभव हुआ है।
आस्था व आनंद की अलौकिक अभिव्यक्ति 'अयोध्या दीपोत्सव' में आयोजित लेजर शो की कुछ झलकियां
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उन्होंने कहा, ‘जब पहले दीपोत्सव में आए थे, तब भी हमने कहा था धैर्य रखें, अयोध्या में भगवान राम का मंदिर अवश्य बनेगा। अतंतः आप सभी के संकल्पों की विजय हुई और प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम का 5 अगस्त, 2020 को शुभारंभ भी कर दिया है। अयोध्या में जब भव्य श्रीराम मंदिर बनेगा, उसके साथ ही अयोध्या देश व दुनिया की सबसे अच्छी धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी होगी।’
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हमारी सरकार ने तय किया कि अगर अयोध्या को उसकी नई पहचान दीपोत्सव कार्यक्रम से माध्यम से दिलवानी है। आज आप अयोध्या को देख रहे हैं। 12 लाख दीये जलाए जा रहे हैं। हमें ये याद रखना होगा कि उत्तर प्रदेश के अंदर कल कोई ऐसा वंचित, दलित, कोई ऐसा व्यक्ति न रहे, जिसके घर में दिवाली का दीपक न जले और दिवाली की मिठाई न पहुंचे।’