नई दिल्ली, 8 सितम्बर। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि उसने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) और नौसेना अकादमी में महिलाओं को प्रवेश देने का निर्णय लिया है। यह निर्णय सशस्त्र बलों के साथ परामर्श के बाद लिया गया है।
महिलाओं को सेना के तीनों अंगों में स्थायी कमीशन मिलने का रास्ता साफ
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गत 18 अगस्त को फैसला सुनाया था कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। खैर, सरकार के इस फैसले से महिलाओं के लिए अब तीनों सेनाओं में स्थायी कमीशन हासिल करने के अवसर खुल जाएंगे।
दाखिले की प्रक्रिया पर विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह की मोहलत
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमएम सुंद्रेश की पीठ ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई के बाद केंद्र सरकार को महिला कैडेट्स के दाखिले की प्रक्रिया पर विस्तृत जवाब दाखिल करने को दो हफ्तों की मोहलत दी है। कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितम्बर को तय की है।
शीर्ष अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने उत्साहित अंदाज में कोर्ट को बताया, ‘मेरे पास एक खुशखबरी है कि रक्षा सेनाओं के प्रमुखों और सरकार ने आपसी बैठक में यह तय कर लिया है कि अब महिलाओं को एनडीए और नेवल अकादमी में प्रशिक्षण के बाद स्थाई कमीशन अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया जाएगा। जल्द ही प्रक्रिया को भी निर्णायक स्वरूप प्रदान कर दिया जाएगा।
जस्टिस कौल और जस्टिस सुंद्रेश की पीठ ने एएसजी ऐश्वर्या भाटी के बयान पर खुशी जाहिर की कि सरकार और रक्षा प्रमुखों ने अपने तौर पर ही यह फैसला किया है। पीठ ने साथ ही भाटी को इस बात की बधाई दी कि उन्होंने लैंगिक विभेद को दूर करने के मकसद से इस मामले में मोर्चा संभाले रखा।
महिला अधिकारियों ने सरकार को भेजी थी कानूनी नोटिस
गौरतलब है कि गत माह सेना में स्थायी कमीशन मिलने में हो रही देरी को लेकर महिला अधिकारियों ने सरकार को कानूनी नोटिस भेजी थी। यह नोटिस रक्षा मंत्रालय को उन 72 महिलाओं ने भेजी थी, जिनको सेना में स्थाई कमीशन देने के लिए योग्य ठहराया गया था। महिला अफसरों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए ऑर्डर में स्थायी कमीशन देने की बात हो चुकी है।