नई दिल्ली, 19 जून। अहमदाबाद में गत 12 जून को हुए एअर इंडिया विमान दुर्घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंत्रालय ने इसके तहत विमान सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करने वाली भौतिक संरचनाओं पर कठोर नियंत्रण के लिए नए मसौदा नियम जारी किए हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो उड़ान मार्ग में बाधा बनने वाली इमारतों पर काररवाई की बारी आ गई है।
उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद एअर इंडिया का विमान क्रैश हो गया था। दुर्घटनाग्रस्त विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल सहित कालेज की चार इमारतों से टकराया और उसमें आग लग गई। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 में से 241 लोग मारे गए। वहीं हॉस्टल में मौजूद चार एमबीबीएस छात्र, डॉक्टरों के पांच परिजन सहित कुल 21 अन्य लोगों की भी मौत हुई। इस प्रकाह में हादसे में कुल 270 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। घटना के बाद अब केंद्र सरकार कड़े कदम उठा रही है।
नए मसौदा नियमों का नाम ‘विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)-2025’
नए मसौदा नियमों का नाम ‘विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)-2025’ रखा गया है। ये नियम राजपत्र में प्रकाशित होते ही प्रभाव में आ जाएंगे। इनका उद्देश्य एयरपोर्ट के आसपास निर्धारित क्षेत्रों में ऊंचाई की सीमा से अधिक इमारतों और पेड़ों पर त्वरित काररवाई के लिए अधिकारियों को अधिकार देना है। इस पहल को विमान मार्गों में आने वाली रुकावटों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक सक्रिय कदम के रूप में देखा जा रहा है।
मसौदा नियमों के तहत होगी यह काररवाई
मसौदा नियमों के तहत यदि कोई संरचना तय ऊंचाई से अधिक पाई जाती है तो संबंधित क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी की ओर से नोटिस जारी की जाएगी। संपत्ति मालिक को 60 दिनों के भीतर साइट प्लान और ढांचे की माप समेत अन्य विवरण प्रस्तुत करने होंगे। यदि ऐसा नहीं किया गया तो अधिकारियों को ढांचे को गिराने या ऊंचाई कम करने की काररवाई का अधिकार होगा।
60 दिनों का मिलेगा समय
यदि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) या कोई अधिकृत अधिकारी किसी ढांचे को नियमों का उल्लंघन मानता है तो वो इसे हटाने या कम करने का आदेश जारी कर सकता है। मालिक को पालन करने के लिए 60 दिनों का समय मिलेगा, जो उचित कारणों पर और 60 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
अधिकारियों को दिन के समय स्थलीय निरीक्षण की होगी अनुमति
इसके अलावा अधिकारियों को दिन के समय स्थल का निरीक्षण करने की अनुमति होगी, बशर्ते वो संपत्ति मालिक को पहले से सूचित करें। यदि संपत्ति मालिक सहयोग नहीं करता तो अधिकारी उपलब्ध जानकारी के आधार पर आगे की काररवाई कर सकते हैं और मामला डीजीसीए को भेज सकते हैं।
मसौदा नियमों के तहत यदि किसी ढांचे को हटाने या कम करने का आदेश दिया जाता है तो संपत्ति मालिक प्रथम या द्वितीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष निर्धारित फॉर्म, आवश्यक दस्तावेज और एक हजार रुपये शुल्क के साथ अपील कर सकते हैं।
इसमें मुआवजे की भी रखी गई हैं शर्तें
इसमें मुआवजे की शर्तें भी रखी गई हैं। सिर्फ उन मालिक को भारतीय वायुवहन अधिनियम-2024 की धारा 22 के तहत मुआवजा दिया जाएगा, जिन्हें आधिकारिक आदेशों के अनुसार ढांचे को गिराने या संशोधित करने के लिए कहा गया है और जिन्होंने आदेश का पालन किया है । अधिसूचना की तिथि के बाद नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए किसी भी ढांचे को मुआवजा नहीं मिलेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इन मसौदा नियमों पर प्रकाशन के 20 दिनों के भीतर जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की हैं।

