नई दिल्ली, 6 अक्टूबर। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार देश के विभिन्न भागों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के 75 केंद्र यानी एसटीआई हब स्थापित करेगी। ये केंद्र विशेष कर अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए होंगे। ये इन वर्गों में वैज्ञानिक प्रतिभा को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ इनके सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान करेंगे।
विशेष रूप से अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए होंगे ये एसटीआई केंद्र
डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक में कहा कि पिछले दो वर्षों में ऐसे 20 एसटीआई हब बनाये जा चुके हैं, जो अनुसूचित जाति और जनजाति के 20 हजार प्रतिभावान छात्रों की सीधे तौर पर मदद करेंगे।
केंद्री मंत्री ने कहा कि यह निर्णय समाज के कमजोर वर्गों को ऊपर उठाने और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के अनुरूप है। उन्होंने यह भी कहा कि ये केंद्र अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को स्थायी आजीविका के साधन देने में मददगार प्रौद्योगिकी को भी विकसित करेंगे।