नई दिल्ली, 20 जून। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि भारत में नकली दवाओं पर शून्य-सहिष्णुता की नीति है। उनका यह बयान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा दुनियाभर में भारत में निर्मित सात कफ सिरप को ब्लैक लिस्ट में डालने के बाद आया है।
मनसुख मांडविया ने आश्वासन दिया, ‘दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक विश्लेषण किया जा रहा है। भारत कभी भी दवाओं की गुणवत्ता पर मोलभाव नहीं करेगा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं कि नकली दवाओं से किसी की मौत न हो।’
गौरतलब है कि WHO ने सख्त काररवाई करते हुए भारत में बनी सात कफ सिरप पर बैन लगा दिया था। इनके सेवन के बाद कई देशों स्वास्थ्य पर गलत असर की रिपोर्ट आई थी। उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया था कि भारत में बनी एक कफ सिरप के सेवन के बाद उसके देश में 18 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने भी जांच शुरू की थी।
बीते कुछ महीनों में नाइजीरिया, गांबिया और उज्बेकिस्तान में ऐसे कई लोगों की मौत हुई है, जिसे कफ सिरप पीने से जोड़ा गया। नोएडा की मैरियन बायोटेक, चेन्नई की ग्लोबल फार्मा, पंजाब की QP फार्माकेम और हरियाणा की मेडेन फार्मास्यूटिकल्स सहित कई अन्य फार्मा कम्पनियां इस जांच के दायरे में हैं।
मांडविया ने यह भी कहा कि भारत में निर्मित नकली कफ सिरप के कारण होने वाली मौतों के बारे में कुछ तिमाहियों में चिंता जताने के बाद 71 कम्पनियों को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है और उनमें से 18 को कारोबार बंद करने के लिए कहा गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस तरह की कफ सिरप नौ देशों में बेचे गए हैं। कफ सिरप और उसमें पाये जाने वाले प्रोपलिन ग्लाइकोल की मात्रा को लेकर गुणवत्ता पर सवाल उठे थे।