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भारत सरकार ने 2.78 करोड़ पूर्व सैनिकों के लिए पेंशन लाभ और रोजगार के अवसर किए सुनिश्चित

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नई दिल्ली, 28 मार्च।  केंद्र सरकार ने देश में पूर्व सैनिकों के लिए पर्याप्त पेंशन और रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए हैं। भूतपूर्व सैनिकों की मांग के आधार पर सरकारी संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, कॉर्पोरेट घरानों, निजी क्षेत्र, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों आदि में भूतपूर्व सैनिकों को नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न पुनर्वास एवं कौशल विकास प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, रोजगार और स्वरोजगार योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं।

इसके अतिरिक्त, वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना का उद्देश्य समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक से सेवानिवृत्त होने वाले वर्तमान और पूर्व पेंशनभोगियों की पेंशन दरों के बीच के अंतर को पाटना है। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने लोकसभा में देवेश शाक्य को एक लिखित उत्तर में दी।

पूर्व सैनिकों की जनगणना आंकड़े, 31 दिसंबर 2023 तक देश के राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में कुल 2.78 करोड़ पूर्व सैनिकों को दर्शाते हैं।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसयू) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए ग्रुप ‘सी’ में 14.5% रिक्तियां और ग्रुप ‘डी’ में 24.5% रिक्तियां आरक्षित हैं। केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसयू) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण में विकलांग भूतपूर्व सैनिकों और युद्ध में शहीद हुए सैन्यकर्मियों के आश्रितों के लिए 4.5% रिक्तियां शामिल हैं।

वहीं, भारतीय सेना के अधिकारी चयन में भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं और युद्ध में हताहत हुए लोगों के बच्चों के लिए रिक्तियां आरक्षित हैं।

इसके अतिरिक्त, महिलाओं के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन में 5% रिक्तियां उन रक्षा कर्मियों की विधवाओं को प्रदान की जाती हैं, जिनकी सेवा के दौरान मृत्यु हो गई है। वहीं, विधवा और पूर्व सैनिकों के बच्चों को संबंधित रेजिमेंटल केंद्रों द्वारा नामांकित किया जा रहा है। साथ ही उन्हें अग्निपथ योजना और नियमित कैडर के तहत भर्ती के लिए ऑनलाइन सामान्य प्रवेश परीक्षा में बोनस अंक दिए जाते हैं।

सैन्य सेवा के कारण सेवा में मारे गए सैनिकों के मामले में, विशेष पारिवारिक पेंशन या उदारीकृत पारिवारिक पेंशन स्वीकृत की गई है। इसके अतिरिक्त, अनुग्रह राशि/ग्रेच्युटी भी स्वीकृत की गई है।

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