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ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार, विपक्ष के हंगामे से तीसरे दिन भी नहीं चली संसद

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नई दिल्ली, 23 जुलाई। संसद के मानसून सत्र में लगातार तीसरे दिन बुधवार की भी कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई। ऑपरेशन सिंदूर, बिहार SIR और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिसके चलते दोनों ही सदनों – लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

BAC की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की तिथि व समय तय

खैर, दोनों सदनों में जारी गतिरोध के बीच सरकार अब ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा के लिए तैयार हो गई है। इस क्रम में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की तारीख और समय फिक्स हो गया।

दोनों सदनों में चर्चा के लिए 16-16 घंटे का समय निर्धारित

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत सोमवार यानी 28 जुलाई को लोकसभा से होगी। इस मुद्दे पर राज्यसभा में मंगलवार, 29 जुलाई को चर्चा होगी। संसद के दोनों ही सदनों में इस मुद्दे पर महाबहस के लिए 16-16 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। बीएसी की मीटिंग में विपक्षी दलों ने अन्य मुद्दों पर किसी भी नियम के तहत शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन की मांग की।

विपक्षी दलों की ओर से यह भी कहा गया कि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा गुरुवार (24 जुलाई) को ही शुरू होनी चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री के विदेश दौरे का हवाला देते हुए सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई। विपक्षी दलों की ओर से यह डिमांड भी रखी गई कि बीएसी की बैठक हर हफ्ते होनी चाहिए।

सरकार ने कर रखी है खास तैयारी

वैसे ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तारीख और समय फिक्स होने से पहले सरकार ने खास तैयारी की है। प्राप्त  जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक के बाद एक, कई बैठकें की हैं. इन बैठकों का उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का जवाब तैयार करना बताया जा रहा है।

दरअसल, सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान पूरी आक्रामकता के साथ अपना पक्ष रखने की तैयारी में है। सरकार की रणनीति संसद में अपनी मजबूती और उपलब्धियों को शोकेस करने के साथ ही इसे विजय दिवस के रूप में पेश करने की होगी। दिलचस्प यह है कि इस मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत से दो दिन पहले 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस भी है।

विपक्ष का विरोध, काले कपड़ों में प्रदर्शन

इससे पहले बिहार वोटर वैरिफिकेशन के मुद्दे पर भी सदन में हंगामा हुआ। विपक्षी सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में उतर आए और काले कपड़े लहराकर विरोध जताया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा – ‘आप सड़क का व्यवहार संसद में न करें।’ लगातार हंगामे के चलते अंततः लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार पूवर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उल्लेखनीय है कि मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी, लेकिन अब तक एक भी दिन सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पाई है।

राहुल गांधी का हमला दाल में कुछ काला है

इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, ‘सरकार कहती है ऑपरेशन सिंदूर चालू है जबकि डोनाल्ड ट्रंप 25 बार बोल चुके हैं कि उन्होंने सीजफायर कराया। अगर ट्रंप का इसमें कोई रोल नहीं है, तो प्रधानमंत्री मोदी क्यों चुप हैं? दाल में कुछ काला जरूर है।’ राहुल ने यह भी कहा कि विदेश नीति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार को संसद को भरोसे में लेना चाहिए।

 

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