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सरकारी समिति की सिफारिश – कोविड मरीज स्वस्थ होने के छह माह बाद ही लगवाएं वैक्सीन

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नई दिल्ली, 13 मई। कोरोना महामाही की दूसरी लहर के दौरान कोरोनारोधी टीकों की कमी के बीच केंद्र सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने सिफारिश की है कि कोविड-19 मरीजों को स्वस्थ होने के कम से कम छह माह बाद वैक्सीन लगवानी चाहिए।

सरकारी सूत्रों के अनुसार एनटीएजीआई ने इसके साथ ही कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश की है। अभी कोविशील्ड की दोनों डोज के बीच छह-आठ हफ्ते का अंतराल है। हालांकि कोवैक्सीन के लिए तय मियाद (चार से छह सप्ताह) में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

सरकारी समिति ने सरकार से कहा है कि गर्भवती महिलाओं को भी कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है और स्तनपान कराने वाली महिलाएं प्रसव के बाद कभी भी टीका लगवा सकती हैं। समिति का मानना है कि बच्चे को अपना दूध पिलाने वाली महिलाओं पर टीके का कोई नुकसान नहीं होगा।

गौरतलब है कि देश में कोरोना टीकाकरण के लिए उम्र सीमा घटाकर 18 वर्ष करने के बाद वैक्सीन की खपत काफी बढ़ गई है, जिसकी आपूर्ति जरूरत के हिसाब से नहीं हो पा रही है। ऐसे में सरकार के सामने उन सभी समूहों का टीकाकरण कुछ महीनों के लिए टालने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, जो किसी-न-किसी वजह से कोरोना से सुरक्षित हो रहे हैं। चूंकि कोविड महामारी से उबरने वालों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बन जाती है, इसके चलते वे अगले कुछ महीनों तक कोरोना से लड़ने में सक्षम हो जाते हैं। यही कारण है कि सलाहकार समूह ने संक्रमण से स्वस्थ हुए मरीजों के लिए कम से कम छह माह बाद टीका लगवाने की सिफारिश की है।

एनटीएजीआई के ये सभी सुझाव अब टीकाकरण को देखने वाले कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को भेजे जाएंगे।

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