गोरखपुर, 9 अप्रैल। गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर हमले का आरोपी मुर्तजा अब्बासी आईएसआईएस की विचारधारा से इस कदर प्रभावित हो गया था कि वह जेहाद के लिए लोगों को उकसाने के मकसद से एक एप बनाने में जुट गया था। इस बीच मुर्तजा से पूछताछ में एक अहम जानकारी मिली है। वह हनी ट्रैप में फंसकर आतंकी संगठन आईएसआईएस के संपर्क में आया था।
सूत्रों के अनुसार, मुर्तजा जेहादी एप को एक ऐसा अरबी नाम देना चाहता था, जिसका अर्थ हो जुल्म। आईएसआईएस के विचारों से प्रभावित होने के बाद मुर्तजा के दिमाग में लगातार यही चल रहा था कि उसके संप्रदाय के लोगों पर जुल्म हो रहा है, जिसका उसे विरोध करना चाहिए। वह अपने इस एप के माध्यम से जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने वालों को एक प्लेटफार्म पर लाना चाहता था। इस बीच पूछताछ में एटीएस को यह जानकारी भी मिली कि वह एक बार हनी ट्रैप में फंस चुका है। इसी के साथ उसकी आईएसआईएस से जुड़े कुछ लोगों से बातचीत शुरू हुई थी। उसके पास आईएसआईएस के किसी शिविर में फंसी लड़की के नाम पर एक ई-मेल आई थी।
सूत्रों के अनुसार, उसने मदद के लिए 40 हजार रुपये भी भेज दिए थे। उस लड़की ने उससे भारत आकर मिलने का वादा भी किया था। यह सिलसिला शुरू होने के बाद मुर्तजा सीरिया जाकर आईएसआईएस में शामिल होने की योजना बनाने लगा। पूछताछ में उसने तीन बार उस लड़की के बताए बैंक अकाउंट में पैसे भेजने की जानकारी दी है। हालांकि एटीएस अभी उसके बैंक खातों की जांच करा रही है। उसके कुछ संदिग्ध भुगतान पेटीएम से भी किए जाने की जानकारी मिली है।
सूत्रों के अनुसार एटीएस उसके कब्जे से बरामद वस्तुओं की विशेषज्ञों से जांच कराने की तैयारी कर रहा है। जरूरत पड़ने पर मुर्तजा का भी मनोवैज्ञानिक परीक्षण कराया जा सकता है। इस बीच उसके परिवार की तरफ से एटीएस के संज्ञान में लाया गया है कि मुर्तजा का वर्ष 2018 से मानसिक बीमारी का इलाज चल रहा है।