Site icon hindi.revoi.in

गोपाल खेमका हत्याकांड: मायावती ने बिहार सरकार पर साधा निशाना, चुनाव आयोग को दी यह सलाह

Social Share

लखनऊ, 7 जुलाई। बसपा प्रमुख मायावती ने बिहार में गोपाल खेमका की हत्या और निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के सघन निरीक्षण पर प्रतिक्रिया दी है। बसपा चीफ ने इस मामले में राज्य की भाजपा और जेडीयू सरकार को कटघरे में खड़ा किया है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर बसपा चीफ ने लिखा है कि वैसे तो बिहार में ख़ासकर दलितों, अति-पिछड़ों, शोषितों, ग़रीबों और उनकी महिलाओं आदि के विरुद्ध जुल्म-ज्यादती, हत्या एवं जातिवादी शोषण तथा इन वर्गों के लोगों को उनके हक से वंचित रखने के मामले हमेशा काफी चर्चा का विषय रहे हैं, लेकिन राज्य में विधानसभा आमचुनाव से पहले हिसंक वारदातों व हत्याओं के जारी रहने के क्रम में शासित दल भाजपा के ही एक प्रमुख उद्योगपति व नेता गोपाल खेमका की राजधानी पटना में हाल में हुई सनसनीखेज़ हत्या ने राज्य में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति के साथ-साथ प्रदेश की राजनीति को भी नये तरीके से गर्मा दिया है, जिस खून-खराबे के सम्बंध में चुनाव आयोग अगर अभी से ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह शान्तिपूर्ण चुनाव संचालन हेतु बेहतर होगा।

यूपी की पूर्व सीएम ने कहा है कि बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण के दौरान यह सब हिंसक घटनाक्रम किसके द्वारा किसके स्वार्थ की पूर्ति के लिए किया जा रहा है, इसको लेकर ना केवल राज्य की गठबंधन सरकार कठघरे में है, बल्कि इसको लेकर राजनीति काफी गर्म है कि आगे चलकर राज्य के राजनीतिक समीकरण व चुनाव पर इसका क्या असर पड़ेगा, यह देखने वाली बात है।

बसपा चीफ ने लिखा है कि वैसे हमारी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.), विशेषकर दलितों, अन्य पिछड़ों, वंचितों, शोषितों, ग़रीबों व मज़दूरों आदि बहुजनों की पार्टी है जो अपने कैडर व शुभचिन्तकों के तन, मन, धन के बूते पर राजनीति करने के सिद्धान्त व नीति के तहत् बिहार विधानसभा का आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर लड़ रही है, और इसीलिए चुनाव आयोग से अपील है कि बिहार चुनाव को सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के साथ-साथ बाहूबल, धनबल व अपराध बल आदि से मुक्त कराने के लिए जो भी सख़्त कदम उठाने की ज़रूरत हो तो वह समय से अवश्य उठाए ताकि चुनाव अभियान स्वतंत्र व निष्पक्ष साबित हो।

Exit mobile version