जम्मू, 16 फरवरी। मां वैष्णो देवी के दरबार में शीश नवाने के लिए आने वाले लाखों-करोड़ों उन श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है, जो अब तक मां भगवती के दर्शनों की खातिर 13 किमी की चढ़ाई चढ़ते हैं और गर्मियों में रात होने का इंतजार करते हैं ताकि वे कड़ी धूप से बच सकें। दरअसल कटड़ा के बेस कैंप के ताराकेाट से वैष्णो देवी के दरबार से आधा किमी पहले सांझीछत तक रोपवे की तैयारी आरंभ हो गई है।
रोपवे के निर्माण पर 250 करोड़ का खर्च बैठेगा
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले कदम के तौर पर रोपवे के लिए टेंडर निकाले गए हैं। इस रोपवे पर 250 करोड़ से अधिक का खर्चा आएगा और एक बार बन जाने पर श्रद्धालु मात्र 6 मिनट में ही 13 किमी का सफर कर वैष्णो देवी के दरबार तक पहुंच जाएंगे। कटड़ा से लेकर मां के दरबार की हवाई दूरी 2.4 किमी है, जिस पर रोपवे का निर्माण किया जाना है।
प्रति घंटा 1500 श्रद्धालु कर सकेंगे सफर
अधिकारियों के अनुसार यह परियोजना कटरा आधार शिविर के पास ताराकोट से शुरू होगी और सांझीछत पर समाप्त होगी, जो पवित्र मंदिर से आधा किलोमीटर पहले है। रोपवे में 1,500 व्यक्ति प्रति घंटे की क्षमता वाली गोंडोला केबल कार प्रणाली होगी। 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित त्रिकुटा पहाड़ों में स्थित वैष्णो देवी की गुफा रियासी जिले में स्थित है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में 91 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा का दौरा किया था, उनमें से अधिकतर ने कटड़ा के आधार शिविर से लगभग 13 किमी की चढ़ाई की थी। रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सर्विस लिमिटेड ने लगभग 2.4 किलोमीटर के रोपवे के निर्माण के लिए कल बोलियां आमंत्रित कीं, जो यात्रा के समय को केवल छह मिनट तक कम कर सकता है, जिससे श्रद्धालुओं के समय और प्रयासों की बचत होती है।
बीओओटी (बिल्ड ऑन ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के आधार पर अनुबंध दिए जाने के बाद इस रोपवे को 36 महीने में पूरा करना होगा। रियायत की अवधि 33 वर्ष (निर्माण सहित) होगी, जिसे 10 वर्ष की और अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है।