नई दिल्ली, 24 मार्च। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लगभग सात माह बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को खुशखबरी मिली, जब इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) ने बीते 19 मार्च को शिव शक्ति नाम को स्वीकृति प्रदान करदी। यानी कि अब आधिकारिक रूप से वह जगह दुनियाभर में शिव शक्ति प्वॉइंट से पहचानी जाएगी, जहां पर चंद्रयान-3 उतरा था।
गौरतलब है कि इसरो ने पिछले वर्ष 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराने के साथ इतिहास रच दिया था। भारत दुनिया का पहला देश बन गया था, जोकि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा। इसके बाद पूरी दुनिया से भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई संदेश मिले थे। पीएम मोदी ने भी इसरो सेंटर जाकर चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट में शामिल रहे वैज्ञानिकों से मुलाकात की थी। भारत ने चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का नाम शिव शक्ति प्वॉइंट रख दिया था, जिसे IAU ने अब मंजूरी दे दी है।
ग्रहों के नामकरण के गैजेटियर के मुताबिक, “ग्रहीय सिस्टम नामकरण के लिए आईएयू वर्किंग ग्रुप ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की लैंडिंग साइट के लिए शिव शक्ति नाम को मंजूरी दे दी है।” किसी भी खास जगह के नामकरण करने की ही तरह, ग्रहों की किसी जगह को विशेष रूप से पहचानने के लिए उसका नामकरण किया जाता है, ताकि भविष्य में उस जगह का आसानी से पता लगाया जा सके और उस पर लोग चर्चा कर सकें।
चंद्रयान-2 वाली जगह का नाम रखा गया है ‘तिरंगा‘
चांद पर सफल लैंडिंग के तीन दिनों बाद बेंगलुरु में पीएम मोदी ने इसरो सेंटर पर इस नाम की घोषणा की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि चंद्रयान-3 लैंडिंग वाली जगह का नाम शिव शक्ति होगा जबकि जहां पर 2019 में चंद्रयान-2 क्रैश होकर लैंड किया था, उसे तिरंगा नाम दिया गया है। इसके अलावा, 23 अगस्त को ही हर वर्ष नेशनल स्पेस डे मनाए जाने का भी एलान किया गया था।