नई दिल्ली, 15 दिसम्बर। सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड में दोषी फारूक को बड़ी राहत प्रदान करते हुए जमानत दे दी है। दोषी 17 साल से जेल में बंद है। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फारूक को जमानत देते वक्त अदालत ने कहा कि वह 17 साल जेल में सजा काट चुका है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने दोषियों में से एक फारुक की ओर से पेश वकील की दलील पर विचार किया। फारुक के वकील ने कहा कि अब तक की अवधि को देखते हुए उसे जमानत दी जाए।
दोषियों की अपील पर जल्द सुनवाई की जरूरत- सॉलिसिटर जनरल
मामले में सुनवाई के वक्त गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कहा कि यह सबसे जघन्य अपराध था, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 59 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। तुषार मेहता ने कहा कि दोषियों की अपील जल्द से जल्द सुनने की जरूरत है।