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ग्लेन मैक्ग्रा ने की जसप्रीत बुमराह की तारीफ, बोले – भारतीय टीम में यह पेसर न होता तो एकतरफा होती सीरीज

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सिडनी, 1 जनवरी। गुजरे जमाने के दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई पेसर ग्लेन मैक्ग्रा ने जसप्रीत बुमराह की जमकर तारीफ करते हुए बुधवार को यहां कहा कि यदि भारतीय टीम में यह पेसर नहीं होता तो फिर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए खेली जा रही सीरीज ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में एकतरफा हो जाती। टीम इंडिया पांच टेस्ट मैच की सीरीज में 1-2 से पीछे चल रही है। सीरीज का पांचवा और अंतिम मैच शुक्रवार से यहां सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर खेला जाएगा।

उल्लेखनीय है कि बुमराह ने मौजूदा सीरीज में अब तक शानदार प्रदर्शन करते हुए 20 से भी कम औसत से 30 विकेट लिए हैं। हालांकि भारतीय बल्लेबाज अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं, जिसके कारण टीम पीछे चल रही है। दिलचस्प तो यह है कि बुमराह के ही नेतृत्व में भारत ने पर्थ में खेला गया पहला टेस्ट 295 रनों से जीता था।

54 वर्षीय मैक्ग्रा 2008 में अपनी पत्नी जेन की कैंसर से मौत के बाद इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। वह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही सीरीज पर करीबी नजर रखे हुए हैं और बुमराह के प्रदर्शन से बेहद प्रभावित हैं।

बुमराह ने ढूंढ लिया है परिस्थितियों से तालमेल बैठाने का तरीका

मैक्ग्रा ने बुमराह के छोटे रनअप के संदर्भ में कहा, ‘वह बेहतरीन गेंदबाज है, जिसने परिस्थितियों से तालमेल बैठाने का तरीका ढूंढ लिया है। जिस तरह से वह रनअप में आखिरी कुछ कदमों में अपनी पूरी ताकत झोंक देता है, वह वास्तव में अविश्वसनीय है।’

‘मैं जसप्रीत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं

टेस्ट क्रिकेट में 563 विकेट लेने वाले मैक्ग्रा को अपनी भुजाओं के अति-विस्तार (जब कोहनी का जोड़ अपनी सामान्य सीमा से अधिक पीछे की ओर झुकता है) के मामले में अपने और बुमराह के बीच काफी समानता नजर आती है। उन्होंने कहा, ‘उसका हाथ पीछे की तरफ अधिक झुकता है जैसा कि मेरे मामले में भी था। उसका इस पर शानदार नियंत्रण है और वह इसका अच्छी तरह से प्रयोग करता है। मैं जसप्रीत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।’

एमआरएफ फाउंडेशन के एक शिष्य प्रसिद्ध कृष्णा को बताया भविष्य का गेंदबाज

मैक्ग्रा ने लंबे समय तक चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में काम किया तथा उन्होंने कहा कि उनके एक शिष्य प्रसिद्ध कृष्णा का भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने कहा, ‘भारत क्रिकेट के प्रति जुनूनी है। एमआरएफ पेस फाउंडेशन में 12 वर्ष से काम करते हुए हमने कुछ अच्छे तेज गेंदबाज दिए हैं, जिनमें प्रसिद्ध कृष्णा भी है, जो अभी टीम में है। वह बहुत अच्छा युवा तेज गेंदबाज है और मुझे विश्वास है कि आगे उसका करिअर शानदार होगा।’

भारत के पास प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं

उन्होंने कहा, ‘भारत के पास प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कमी नहीं है तथा ऐसा केवल गेंदबाजी ही नहीं बल्लेबाजी में भी है। उसके पास यशस्वी जयसवाल जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं। इन युवा खिलाड़ियों की सबसे खास बात यह है कि वे बेखौफ होकर खेलते हैं। हमारे पास भी सैम कोंस्टास के रूप में ऐसा खिलाड़ी है।’

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