श्रीनगर,15 सितम्बर। जम्मू-कश्मीर में नई पार्टी के गठन की तैयारी कर रहे गुलाम नबी आजाद को आतंकवादी संगठन से धमकी मिली है। खबर है कि इससे जुड़े पोस्टर भी जारी किए गए हैं। साथ ही इनमें आजाद की हालिया सियासी गतिविधियों को सुनियोजित बताया जा रहा है। आजाद ने अगस्त में कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक से ज्यादा लंबे सफर पर विराम लगा दिया था। इसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक रूप से सक्रिय होने की बात कही थी।
आतंकवादियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्टर भी जारी किए हैं
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े समूह रेजिसटेंस फ्रंट टेरर ने आजाद को धमकी दी है। खास बात है कि आजाद मिशन कश्मीर के हिस्से के रूप में रैलियां निकालने जा रहे हैं। इससे पहले उन्हें ये धमकियां मिली हैं। आतंकवादियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्टर भी जारी किए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टर में लिखा गया है, ‘गद्दार के दिल में कोई वफादारी नहीं होती, केवल भरोसेमंद दिखाने का झूठा नाटक होता है।’ पोस्टर के जरिए आजाद को ‘राजनीतिक गिरगिट’ बताया गया है। साथ ही पोस्टर के जरिए यह भी दावा किया गया है कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी।
अनुच्छेद 370 पर की थी बात
बीते दिनों अनुच्छेद 370 की बहाली को लेेकर आजाद ने कहा था कि उन्होंने इसकी संभावना से कभी इनकार नहीं किया, लेकिन उनकी राय थी कि इसमें समय लग सकता है। उन्होंने कहा, ‘मैंने यह नहीं कहा है कि अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जा सकता है। इसे पीएम मोदी द्वारा बहाल किया जा सकता है, जैसा कि उन्होंने (निरस्त) कृषि कानूनों के मामले में किया था क्योंकि उनके पास बहुमत है, मैं उन्हें या उनके मंत्रिमंडल को इस पर राजी नहीं कर सकता।’
गत रविवार को भी जम्मू में एक राजनीतिक रैली के दौरान उन्होंने कहा था, ‘मैं आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर लोगों को गुमराह नहीं करूंगा। आर्टिकल 370 हटाने के लिए संसद में दो तिहाई बहुमत की जरूरत है। मुझे मेरे जीवन में कांग्रेस 350-360 सीटें लाती नहीं दिख रही है।’