नई दिल्ली, 26 अगस्त। पांच दशकों तक साथ रहने के बाद आशंकाओं के अनुरूप कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता व जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रेषित पांच पन्नों के अपने इस्तीफे में न सिर्फ शीर्ष नेतृत्व पर तीखे सवाल उठाए हैं वरन सोनिया के पुत्र व पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति नाराजगी भी जाहिर की है। इसी क्रम में आजाद ने यह आरोप भी मढ़ दिया है कि कांग्रेस पूरी तरह रिमोट कंट्रोल से चल रही है।
कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के ग्रुप जी-23 के प्रमुख सदस्य माने जाते रहे 73 वर्षीय गुलाम नबी ने इस्तीफे की चिट्ठी में कांग्रेस में शामिल होने से छोड़ने तक के सफर के बारे में जिक्र किया है। इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान कांग्रेस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं।
वरिष्ठों को दरकिनार कर राहुल गांधी अपने अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखते हैं
कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने के एक सप्ताह पर्व जम्मू-कश्मीर में पार्टी की प्रचार समिति का अध्यक्ष पद ठुकराने वाले गुलाम नबी आजाद ने अपनी चिट्ठी में राहुल गांधी को लेकर नाराजगी जताते हुए लिखा कि वह अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखते हैं और वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार कर दिया। राहुल गांधी पर पहले भी पार्ट टाइम पॉलिटिशियन होने के आरोप लगते रहे हैं। इससे पहले हार्दिक पटेल और हिमंत बिस्वा सरमा ने भी उन पर समय न देने का आरोप लगाया था।
राहुल ने कांग्रेस की कार्य संस्कृति खत्म कर दी, सलाहकार तंत्र ध्वस्त कर दिया
आजाद ने कहा, ‘दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के कार्य करने के तौर-तरीकों को खत्म कर दिया। उन्होंने संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही राहुल का प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया अध्यादेश फाड़ना उनकी अपरिवक्ता दिखाता है। इससे 2014 में हार का सामना करना पड़ा।’
‘भारत जोड़ो यात्रा‘ से पहले पार्टी नेतृत्व को ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा‘ करनी चाहिए थी
गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को प्रेषित पत्र में लिखा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चलाने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति ने इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के संदर्भ में आजाद ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले पार्टी नेतृत्व को ‘कांग्रेस जोड़ो यात्रा’ करनी चाहिए थी।
कांग्रेस की कमजोरियां बताने वाले सभी नेताओं को अपमानित किया गया
कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव न कराने को लेकर भी उन्होंने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि संगठन में किसी भी स्तर पर कहीं भी चुनाव नहीं हुआ। जी-23 मामले पर उन्होंने कहा कि जी-23 के नेताओं ने कांग्रेस की कमजोरियां बताईं तो उन सभी नेताओं को अपमानित किया गया।
2019 की हार के बाद पार्टी की हालत और बदतर हो गई
उन्होंने सोनिया से कहा, ‘राहुल के आने से पार्टी में चर्चा की परंपरा खत्म हो गई। इसके साथ ही 2019 की हार के बाद पार्टी की हालत और बदतर हो गई, जब राहुल गांधी ने गुस्से में आकर अध्यक्ष पद छोड़ दिया और उसके बाद सीडब्ल्यूसी की ओर से आपको अंतरिम अध्यक्ष बना दिया गया, लेकिन आप बीते तीन वर्षों से आज तक अंतरिम अध्यक्ष बनी हुईं हैं।’
अब राहुल के पीए और सुरक्षाकर्मी पार्टी के बारे में फैसला ले रहे
गुलाम नबी आजाद ने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि आज कांग्रेस रिमोट कंट्रोल मॉडल से चल रही है। राहुल गांधी के पीए और सुरक्षाकर्मी पार्टी के बारे में फैसला ले रहे हैं। राहुल के नेतृत्व में 49 में से 39 विधानसभा चुनावों में हार मिली। स्थिति इस हद तक पहुंच गई है कि अब पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए प्रॉक्सी का सहारा लिया जा रहा है। पार्टी इतनी व्यापक रूप से नष्ट हो गई है कि स्थिति अपूरणीय हो चुकी है। उन्होंने अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर कहा कि वह कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होगा।
कांग्रेस के बाहर संभावित भविष्य के बारे में संकेत दिया
आजाद ने इसके साथ ही कांग्रेस के बाहर संभावित भविष्य के बारे में संकेत दिया। उन्होंने पत्र में लिखा, ‘मेरे कुछ साथी और मैं उन आदर्शों को कायम रखने के लिए दृढ़ रहूंगा, जिनके लिए हमने अपना पूरा वयस्क जीवन कांग्रेस को समर्पित कर दिया था।’