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जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली राज्यसभा के लिए मनोनीत

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नई दिल्ली, 10 सितम्बर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू केंद्र सरकार की सिफारिश पर ने जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय के गुलाम अली खटाना को राज्यसभा के लिए नामित किया है। गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नियुक्ति पर मुहर लगाई है। यह संभवत: पहली बार है, जब किसी गुर्जर मुस्लिम को मनोनीत सदस्य के रूप में उच्च सदन में भेजा गया है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (एक) के उप-खंड (ए) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनित सदस्य के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए गुलाम अली को राज्यसभा के लिए नामित करती हैं।’

अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का बहुत कम प्रतिनिधित्व था

इस कदम को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने से पहले इस समुदाय का विधायी निकायों में बहुत कम प्रतिनिधित्व था। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अगस्त, 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। अनुच्छेद-370 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था। राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं। इनमें 238 सदस्य राज्यों से चुने जाते हैं और 12 को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।

इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रभारी तरुण चुग ने गुलाम अली को नामांकन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए विशेष रूप से गुजर समुदाय के लिए बहुत अच्छा क्षण है। मुझे यकीन है कि वह वहां के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे।’

भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी नियुक्ति की सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और बीएल संतोष ने भी ट्वीट कर गुलाम अली को बधाई दी।