नई दिल्ली, 23 मार्च। दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने टिप्पणी की। इस पर भारत ने जर्मन विदेश मंत्रालय से कड़ा विरोध जताया है। भारत का मानना है कि देश के आंतरिक मामले से जर्मनी को दूर रहना चाहिए।
जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि भारत में विपक्ष के एक बड़े राजनीतिक चेहरे को चुनाव से कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर लिया गया है। विपक्ष इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रहा है। इस मामले को जर्मन सरकार ने संज्ञान में लिया है। प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत एक लोकतंत्रिक देश है। हम उन मानकों में विश्वास रखते हैं और उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक मूल्य से संबंधित सिद्धांत भी इस केस में मामले में लागू किए जाएंगे।’
जर्मन विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं, उनको बिना किसी प्रतिबंध के सभी कानूनी रास्तों के उपयोग का हक मिलने चाहिए। निर्दोष होने की संभावना कानून के नियमों का अहम हिस्सा है, इसीलिए इसे केजरीवाल के मामले में भी लागू होना चाहिए।
विदेश मंत्रालय ने जर्मन दूतावास के उप प्रमुख जॉर्ज एन्जवीलर को तलब किया
फिलहाल जर्मनी की टिप्पणी के तत्काल बाद भारत ने अपना कड़ा विरोध जताया। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘आज जर्मन दूतावास के उप प्रमुख जॉर्ज एन्जवीलर को तलब किया गया। उन्हें जर्मनी के विदेश कार्यालय प्रवक्ता की टिप्पणियों पर भारत के कड़े विरोध से अवगत कराया गया। जर्मनी द्वारा की गई टिप्पणी को हम भारत की न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखते हैं।’ विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत एक मजबूत कानून व्यवस्था वाला देश है और इस मामले में भी कानून अपना काम करेगा।