नई दिल्ली, 26 जुलाई। दुनियाभर में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच भारत में भी इस संक्रमण के कुछ केस सामने आने लगे हैं। इस बीच डायग्नोस्टिक कम्पनी Genes2Me ने वायरस की जांच के लिए नया आरटी-पीसीआर (RT-PCR) किट तैयार किया है। कम्पनी ने मंगलवार को इस आशय की घोषणा करते हुए दावा किया कि उसकी POX-Q मल्टीप्लेक्स वाली आरटी-पीसीआर किट उच्च सटीकता दर के साथ केवल 50 मिनट में परिणाम देती है।
Genes2Me ने पेश किया POX-Q मल्टीप्लेक्स आरटी-पीसीआर किट
Genes2Me के सीईओ और संस्थापक नीरज गुप्त ने मीडिया को बताया, ‘यह अभूतपूर्व समय स्वास्थ्य सुरक्षा तैयारियों और तैयारी में नैदानिक परखों के महत्व को रेखांकित करता है। समय के मूल्य को समझते हुए हमने मंकीपॉक्स के लिए यह आरटी पीसीआर लॉन्च किया है, जो उच्चतम सटीकता के साथ 50 मिनट से भी कम समय में परिणाम देगा।’
कम्पनी के पास एक हफ्ते में 50 लाख टेस्ट किट बनाने की क्षमता
नीरज गुप्त ने बताया कि कम्पनी के पास एक हफ्ते में 50 लाख टेस्ट किट बनाने की क्षमता है और इसे मांग के आधार पर एक दिन में 20 लाख किट तक बढ़ाया जा सकता है।किट कम्पनी के रैपी-क्यू एचटी रैपिड आरटी-पीसीआर डिवाइस पर आमतौर पर उपलब्ध आरटी-पीसीआर उपकरणों और प्वॉइंट-ऑफ-केयर प्रारूप के लिए मानक संस्करण में उपलब्ध है। प्वॉइंट-ऑफ-केयर समाधान का उपयोग हवाई अड्डों, अस्पतालों, स्वास्थ्य शिविरों, नैदानिक प्रयोगशालाओं और अन्य साइटों पर स्क्रीनिंग के लिए किया जा सकता है।
अब तक 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले, भारत में 4 केस
गौरतलब है कि अब तक 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार भारत में सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ ने प्रकोप को एक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने के बाद सिफारिश की है कि संक्रमण की प्रयोगशाला पुष्टि के लिए नमूना प्रकार एक त्वचा घाव सामग्री है, जिसमें घाव की सतह या एक से अधिक घाव या उसके क्रस्ट की छत से स्वाब शामिल होना चाहिए। इसलिए मंकीपॉक्स का पता लगाने के लिए ड्राई स्वैब और वायरल ट्रांसपोर्ट माध्यम दोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है।