नई दिल्ली, 8 दिसंबर। सीडीएस जनरल बिपिन रावत सहित 14 लोगों को लेकर जा रहा भारतीय वायु सेना का जो Mi-17V-5 हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हुआ, वह कोई आम हेलीकॉप्टर नहीं था वरन उसे सैन्य इस्तेमाल के लिहाज से काफी उन्नत माना जाता है।
इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल ट्रूप और आर्म्स ट्रांसपोर्ट, फायर सपोर्ट, एस्कॉर्ट, पेट्रोलिंग और सर्च-एंड-रेस्क्यू (एसएआर) मिशन के लिए भी किया जाता है। भारत में कई वीवीआईपी इसका इस्तेमाल करते हैं। फिलहाल वायुसेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं, जिसमें जनरल रावत, उनकी पत्नी और कुछ सैन्य अधिकारियों सहित 13 लोगों का निधन हो गया।
रशियन हेलीकॉप्टर्स की सहायक कम्पनी कजान हेलीकॉप्टर करती है इसका निर्माण
Mi-17V-5 एक वीआईपी हेलीकॉप्टर माना जाता है। यह Mi-8/17 जनरेशन का एक सैन्य परिवहन संस्करण है, जिसका निर्माण रशियन हेलीकॉप्टर्स की सहायक कम्पनी कजान हेलीकॉप्टर करती है। इसकी केबिन के अंदर और बाहरी स्लिंग को कार्गो परिवहन के लिहाज से डिजाइन किया गया है। Mi-17V-5 दुनिया के सबसे उन्नत परिवहन हेलीकाप्टरों में से एक है।
रक्षा मंत्रालय ने 2008 में 80 हेलीकॉप्टरों के लिए 1.3 अरब डॉलर का किया था अनुबंध
फरवरी, 2013 में आयोजित एयरो इंडिया शो के दौरान भारतीय रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने 12 Mi-17V-5 हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया था। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने दिसंबर, 2008 में 80 हेलीकॉप्टरों के लिए रूसी हेलीकॉप्टर कम्पनी के साथ 1.3 अरब डॉलर का अनुबंध दिया था, जिसके तहत 36 हेलीकॉप्टर 2013 की शुरुआत में आ गए थे।
रोसोबोर्न एक्सपोर्ट और भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 2012 और 2013 के दौरान 71 Mi-17V-5 हेलीकॉप्टरों के लिए फिर से समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। नए आर्डर 2008 में किए गए अनुबंध का हिस्सा थे। रोसोबोर्न एक्सपोर्ट ने जुलाई, 2018 में भारत को Mi-17V-5 सैन्य परिवहन हेलीकॉप्टरों की अंतिम खैप सौंपी थी। भारतीय वायु सेना ने अप्रैल, 2019 में Mi-17V-5 हेलीकॉप्टरों की मरम्मत और ओवरहाल फेसीलिटी की शुरुआत कर दी थी।