इस्लामाबाद, 16 दिसम्बर। पाकिस्तान में आम चुनाव को विलम्बित करा सकने वाले निचली अदालत के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के कुछ घंटों बाद ही शुक्रवार की देर रात आठ फरवरी के लिए प्रस्तावित आम चुनाव का कार्यक्रम जारी कर दिया गया।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने आम चुनाव के लिए नौकरशाहों को निर्वाचन अधिकारी के रूप में नियुक्त करने के निर्वाचन आयोग के फैसले को स्थगित करने वाले लाहौर उच्च न्यायालय (एचएचसी) के निर्णय को खारिज कर दिया गया था।
पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) की अधिसूचना के अनुसार, उम्मीदवार 20 दिसम्बर से 22 दिसम्बर तक नामांकन दाखिल करा सकते हैं। नामांकन भरने वाले उम्मीदवारों के नाम 23 दिसम्बर को प्रकाशित किए जाएंगे और उनके दस्तावेजों की जांच 24 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक की जाएगी। नामांकन पत्रों को खारिज या स्वीकार करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की अंतिम तिथि तीन जनवरी होगी।
अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा उम्मीदवारों की अपील पर निर्णय लेने की अंतिम तिथि 10 जनवरी होगी। उम्मीदवारों की संशोधित सूची 11 जनवरी को प्रकाशित की जाएगी और उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 12 जनवरी है। मतदान आठ फरवरी को होगा।
राजनीतिक दलों ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा का स्वागत किया
इस बीच इमरान खान की पार्टी को छोड़कर पाकिस्तान के सभी बड़े राजनीतिक दलों ने शीर्ष अदालत के दखल पर आठ फरवरी को आम चुनाव कराने की घोषणा का स्वागत किया। इन दलों ने कहा कि शीर्ष अदालत ने चुनाव में देरी की एक बड़ी साजिश विफल कर दी तथा लोकतंत्र की रक्षा की।
डॉन अखबार के अनुसार जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने ‘चुनाव अधिकारियों के रूप में नियुक्त किए गए नौकरशाहों के पक्षपातपूर्ण रवैये पर सवाल उठाना’ जारी रखा है। लेकिन पार्टी ने कहा कि वह ‘समय से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव’ चाहती है।
पीटीआई की अर्जी पर सुनवाई करते हुए लाहौर उच्च न्यायालय ने बुधवार को आठ जनवरी के चुनाव के लिए नौकरशाहों को निर्वाचन अधिकारी तथा जिला निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करने के चुनाव आयोग के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी थी। पीटीआई ने उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने उच्चतम न्यायालय की तारीफ की और कहा कि उसने ‘लोकतंत्र एवं संविधान के खिलाफ पीटीआई की साजिश विफल कर दी। ’ उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘आठ फरवरी का चुनाव सुनिश्चित करने का शीर्ष अदालत का ऐतिहासिक फैसला लोकतंत्र को मजबूत करेगा और संविधान की रक्षा करेगा।’
उनके पोस्ट में यह भी आरोप लगाया गया है, ‘इमरान खान की पीटीआई चुनाव नहीं चाहती है।’ उच्चतम न्यायालय के फैसले पर इस्तेहकाम-ए-पाकिस्तान के सूचना सचिव डॉ. फिरदौस आशक अवान ने एक्स पर लिखा, ‘उच्चतम न्यायालय ने लोकतंत्र को बचाया है तथा संविधान की सर्वोच्चता सुनिश्चित की है, जिसके लिए हम उसके प्रति आभारी हैं।’
डॉन के अनुसार मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट -पाकिस्तान इन कराची के अमीनुल हक ने फैसले का स्वागत किया और कहा कि उसने आम चुनाव पर मंडरा रही अनिश्चितताओं और अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। डॉन ने कहा, ‘पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के पंजाब महासचिव हसन मुर्तुजा ने कहा कि चुनाव में देरी कराने की एक बड़ी साजिश विफल कर दी गई।’