कोलकाता, 31 मई। भारत व न्यूजीलैंड के बीच 18 जून से इंग्लैंड में प्रस्तावित विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल को लेकर कयासबाजियों का दौर जारी है और अब गुजरे जमाने के धाकड़ सलामी बल्लेबाज व भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का कहना है कि चूंकि टीम इंडिया लंबे विश्राम के बाद मैदान पर उतरेगी, लिहाजा वह तरोताजा रहेगी और इसका खिलाड़ियों को निश्चित रूप से फायदा मिलेगा।
कुछ क्रिकेट विशेषज्ञों का अनुमान है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल में न्यूजीलैंड टीम का पलड़ा बीस रहेगा क्योंकि इसके ठीक पहले कीवियों को इंग्लैंड के साथ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है और वे इस दौरान स्थानीय वातावरण में अच्छी तरह ढल जाएंगे। लेकिन गावस्कर इस तर्क से असहमत हैं।
केन विलियम्सन की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड टीम को इंग्लैंड के साथ दो जून से टेस्ट सीरीज खेलनी है। सीरीज का दूसरा टेस्ट 14 जून को खत्म होगा, जिसके बाद साउथैम्पटन के द रोज बॉउल स्टेडियम में भारत व न्यूजीलैंड के बीच डब्ल्यूटीसी का फाइनल होगा।
इंग्लैंड से पराजय पर टूट सकता है कीवियों का मनोबल
सनी गावस्कर ने कहा, ‘कुछ लोगों का मानना है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल मुकाबले से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने से न्यूजीलैंड को फायदा होगा क्योंकि कीवी खिलाड़ी वहां के वातावरण को समझ लेंगे। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि यदि न्यूजीलैंड को सीरीज में हार का सामना करना पड़ा तो उसके खिलाड़ियों का मनोबल टूटेगा और हो सकता है कि कुछ खिलाड़ियों को चोट से जूझना पड़े क्योंकि जून की शुरूआत में इंग्लैंड में अक्सर ऐसा होता है।’
गावस्कर ने कहा, ‘दूसरी तरफ भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ा फायदा यह रहेगा कि लंबे विश्राम के बाद जब वह फाइनल मुकाबले में उतरेगी तो एकदम तरोताजा व ऊर्जा से भरी हुई रहेगी। इतने दिनों के अंतराल के बाद मैच खेलने से इनका उत्साह चरम पर रहेगा।’
उन्होंने कहा, ‘यह टीम ऐसी है, जिसने विपरीत परिस्थितियों में सफलता का स्वाद चखा है, इसलिए किसी भी तरह की विषम स्थिति भारतीय खिलाड़ियों के लिए इससे पार पाने का एक अवसर होगी।’