शामली, 8 जून। माफिया डॉन व पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के करीब गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का गुरुवार को शामली में अंतिम संस्कार कर दिया गया। दोपहर तीन बजे जीवा का शव उसके पैतृक गांव आदमपुर लाया गया। पैतृक आवास पर शव देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। बाद में शवयात्रा निकाली गई। पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परिजन संजीव जीवा का शव गांव के ही पास पैतृक खेत में लेकर पहुंचे, जहां पर अंतिम संस्कार किया गया। जीवा के बेटे ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी।
उम्मीद जताई जा रही थी कि उसकी पत्नी पायल आ सकती थी, लेकिन वह नहीं पहुंची। हालांकि संजीव जीवा की बहन सहित अन्य परिजन अंतिम विदाई में शामिल रहे। पुलिस ने अंतिम संस्कार में भीड़ नहीं जुटने दी।
शाइस्ता की तरह पायल भी नहीं कर सकी पति के अंतिम दर्शन
आपराधिक मामले में फरार चल रही जीवा की पत्नी पायल अपने पति के अंतिम दर्शन नहीं कर पाई। उम्मीद जताई जा रही थी कि पायल अपने पति के अंतिम दर्शन करने के लिए गांव पहुंच सकती है, इसको लेकर पुलिस की कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था कर रखी गई थी, हालांकि गिरफ्तारी के डर से पायल भी पति के अंतिम दर्शन नहीं कर सकती। इसी तरह शाइस्ता परवीन भी फरार चल रही है। अतीक की हत्या के बाद शाइस्ता के भी शौहर का आखिरी बार चेहरा देखने के लिए आने की चर्चा हुई थी, लेकिन वह भी गिरफ्तारी के डर से अब तक फरार चल रही है। पुलिस लगातार उसकी तलाश में जुटी है।
लखनऊ कोर्ट में पुलिस सुरक्षा में जीवा की हत्या कर दी गई थी
उल्लेखनीय है कि मुख्तार अंसारी के खास शूटर संजीव माहेश्वरी की बुधवार को लखनऊ अदालत परिसर के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लखनऊ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था। इस हमले में दो अन्य लोग घायल भी हुए थे। हमलावर को पुलिस ने मौके से ही पकड़ लिया था। हमलावर वकील की ड्रेस में आया था।
48 वर्षीय जीवा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था। वह भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) विधायक कृष्णानंद राय और उत्तर प्रदेश में भाजपा के मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपित था। उस पर हत्या, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के दो दर्जन मामले दर्ज थे।