वाराणसी, 21 अगस्त। वाराणसी में गंगा नदी में उफनाई बाढ़ से तटवर्ती इलाकों में मची दहशत के बीच रविवार को राहत की खबर मिली, जब पूर्वाह्न 10 बजे के बाद से जलस्तर स्थिर हो गया है। केंद्रीय जल आयोग के स्थानीय कार्यालय ने संभावना जतायी है कि
गंगा किनारे के शहरी आबादी में घुसने लगा पानी
हालांकि रात तक दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ाव होने से बाढ़ का पानी गंगा किनारे के शहरी आबादी में घुसने लगा है। अस्सी नाला बैक फ्लो होने लगा है। सामने घाट के सामने स्थित ज्ञानप्रवाह नाले के मुहाने तक पानी पहुंच गया है। फिहाल जलस्तर स्थिर होने से कॉलोनियों में पानी घुसने की अभी कोई संभावना नहीं दिख रही है। पहले से ही वरुणा में पलट प्रवाह होने से करीब 60 से अधिक परिवारों ने बाढ़ राहत शिविर में शरण ले रखी है।
गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से आधा मीटर दूर
गंगा किनारे पूरी तरह स्नान-ध्यान व बोटिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित हो चुकी है। आयोग कार्यालय के मुताबिक पूर्वाह्न 10 बजे का जलस्तर 69.77 मीटर मापा गया, जो चेतावनी बिंदु (70.262 मीटर) से महज आधा मीटर ही दूर है। वाराणसी में गंगा के जलस्तर में खतरे का निशान 71.262 मीटर है।
वरुणा के तटवर्ती इलाके बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित
इस बीच रातभर पानी बढ़ने से चिरईगांव व चोलापुर ब्लॉक के क्षेत्रों में गंगा के तटवर्ती इलाकों के खेतों व आबादी में पानी घुस आया है। करीब 100 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल की फसलें व सब्जियां डूब चुकी हैं। बाढ़ के पानी का सबसे ज्यादा प्रभाव वरुणा के तटवर्ती इलाकों में है। कई परिवारों ने अपने घर-मकान को छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण ले रखी हैं। डीएम कौशल राज शर्मा ने नगर निगम, राजस्व विभाग, पुलिस और एनडीआरएफ की जवानों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार दौरा करते हुए निगरानी करने के कड़े निर्देश दिए हैं।
उधर सामनेघाट नाला से पानी मारुति नगर कॉलोनी तक घुस आया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसी तरह से पानी बढ़ता रहेगा तो सोमवार तक मारुति नगर, काशी पुरम, गायत्री नगर आदि कॉलोनियों की सड़कों पर पानी फैल जाएगा। पानी देख लोग सुरक्षित स्थान के लिए सामान पैकिंग करने लगे हैं।