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गांधी परिवार को मिला शिवसेना का साथ, G-23 नेताओं को बताया ‘सड़ा हुआ आम’

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लखनऊ, 16 मार्च। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस में कलह पैदा हो गई है। इस बीच आज पार्टी के ‘जी 23’ समूह के नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के आवास पर बैठक करेंगे। बैठक से पहले गांधी परिवार को शिवसेना का साथ मिला है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में गांधी परिवार का समर्थन करते हुए जी-23 नेताओं की तुलना सड़े हुए आम से की है।

सामना में शिवसेना ने लिखा, ”जी-23 का समूह सड़ा हुआ आम है, लेकिन कांग्रेस संगठन को आज गांधी ही चाहिए। उत्तराखंड में बीजेपी के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पराजित हो गए, लेकिन उत्तराखंड में कांग्रेस ने फिर से हरीश रावत जैसे पुराने नेता को बागडोर सौंपकर बीजेपी को आगे के लिए गति दे दी। वे (रावत) खुद चुनाव हार गए।” संपादकीय में लिखा, ”गांधी नेतृत्व छोड़ें यह ठीक, लेकिन कांग्रेस को आगे ले जानेवाला, जीत दिलानेवाला नेता उनके ‘जी-23’ गुट में है क्या?”

सामना में लिखा, ”कांग्रेस की थाली और कटोरी में खा-पीकर कई बार डकार लेकर स्वस्थ हुए नेता ‘जी-23’ में हैं और कांग्रेस की पराजय पर वे विलाप कर रहे हैं। इनमें से कितने नेता पांच राज्यों के चुनाव में जमीन पर उतरे थे? कितनों ने प्रत्यक्ष रूप से प्रचार में खुद को झोंक दिया था? केवल गांधी परिवार ही एकमात्र बल स्थान नहीं रह गया है। कांग्रेस की जड़ें सूख गई हैं और वृक्ष पत्ता विहीन हो गया है पत्ते अंकुरित हों, बहार आएं और वातावरण ताजा हो, ऐसा किसी को मन से लगता है तो वृक्षों की पूरी छंटाई कर नया बगीचा फुलाना होगा।”

संपादकीय में शिवसेना ने यह भी कहा कि बीजेपी से मुकाबला अगर आने वाले वक्त में करना है तो नैरेटिव भी चेंज करना होगा। इसमें कांग्रेस काफी पीछे है। बीजेपी के नारे ट्यूब को तोड़ने का काम पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और दिल्ली में केजरीवाल ने किया है।”

बताया जा रहा है कि आज होने वाली ‘जी23’ समूह की बैठक के नेताओं ने कई ऐसे कांग्रेस को नेताओं को भी आमंत्रित किया है, जो इस समूह का हिस्सा नहीं है, लेकिन वे महसूस करते हैं कि पार्टी में बदलाव जरूरी है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पांच राज्यों के अध्यक्षों से इस्तीफा मांगा है।

यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब इस समूह के प्रमुख सदस्य सिब्बल ने एक साक्षात्कार में कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली इस समूह से खुद को अलग कर चुके हैं और इसके दो अन्य सदस्य जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं।

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